एनएच ने पहाड़ों में टनल बनाने की योजना में बदलाव करने की तैयारी की है। अब पहाड़ में डेढ़ किमी से लंबी टनल सिंगल की जगह डबल बनाई जाएगी। डबल बनने से एस्केप टनल के साथ ही यातायात की जरूरत भी पूरी होगी। पौड़ी और ओजरी में प्रस्तावित टनल की योजना को इसी माध्यम से बनाने की योजना है।
राज्य में यातायात सुगम बनाने के लिए कई जगहों पर टनल बनाए गए हैं, इसके अलावा कई जगह प्रस्तावित हैं। अब पहाड़ों की भौगोलिक संरचना (भंगुर) होने के साथ ही इंडियन रोड कांग्रेस के नियम है। इसके अलावा सिलक्यारा का सबक भी है। इन परिस्थितियों को देखते हुए टनल बनाने की योजना में बदलाव करने की तैयारी की गई है।
अब डेढ़ किमी से लंबी कोई भी टनल सिंगल न बनाने की तैयारी है। एनएच के अधिकारियों के अनुसार सिंगल की तुलना में डबल टनल बनाने में लागत में बहुत अंतर नहीं आता है। यह डबल टनल से एस्केप टनल का भी काम करेगी, दोनों टनल बीच में एक तरह जुड़ी रहेंगी और किसी एक टनल में कोई दिक्कत आती है तो दूसरी टनल से निकलने का विकल्प रहेगा। डबल टनल मौजूदा पहाड़ों की भौगोलिक संरचना के हिसाब से भी बेहतर विकल्प मानी जा रही हैं।
इन जगहों पर टनल बनाने की योजना
एनएच की यमुनोत्री मार्ग पर ओजरी के पास चार किमी लंबी टनल बनाने की योजना है। यह इलाका भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है। इसके अलावा पौड़ी जिले में एक साढ़े चार किमी की टनल योजना प्रस्तावित है। इन जगहों से डबल टनल बनाने की मंशा है।
पहाड़ों की भौगोलिक संरचना को देखते हुए डबल टनल बनाने की योजना है। यह टनल एक तरह से एस्केप टनल की तौर पर भी काम करेंगी। – दयानंद, मुख्य अभियंता एनएच