भारत समेत पूरी दुनिया में हैजा रोग पर लगाम लगाने के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने हैजे की ओरल वैक्सीन हिलकोल को लांच करने की मंगलवार को घोषणा की। ओरल हैजा वैक्सीन (ओसीवी) की वैश्विक मांग सालाना 10 करोड़ खुराक से अधिक है। वैश्विक स्तर पर ओसीवी की चार करोड़ खुराक की कमी है। नई वैक्सीन इस कमी को दूर करेगी।
रायटर के अनुसार तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में भारत से लगभग 3,600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। परीक्षण में पुष्टि हुई कि यह वैक्सीन सुरक्षित है और मौजूदा टीकों से ”कमतर नहीं” है।
हैदराबाद प्लांट में वैक्सीन के निर्माण की मंजूरी
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने कंपनी के हैदराबाद प्लांट में वैक्सीन के निर्माण की मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक 4.5 करोड़ डोज की वार्षिक क्षमता के साथ अपने हैदराबाद संयंत्र से उत्पादन शुरू करेगी। यह वैक्सीन, एकल खुराक वाला रेस्प्यूल है, जिसे 14 दिनों के अंतराल पर (दो खुराक) दिया जाता है। यह एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।
रेस्प्यूल में दवा तरल रूप में होती है। इसे नेबुलाइजर नामक मशीन में डाला जाता है। इसके बाद सांस के जरिये दवा शरीर के अंदर ली जाती है। भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एला ने कहा कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआइएल) ने हैदराबाद और भुवनेश्वर में बड़े पैमाने पर विनिर्माण केंद्र स्थापित की हैं, जिनमें हिलकोल की 20 करोड़ खुराक तैयार की जा सकेगी।
31 देशों में अब तक 824,479 से ज्यादा मामले
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कंपनी के हैदराबाद प्लांट में वैक्सीन के निर्माण की मंजूरी दे दी है। हिलकोल (बीबीवी131) को भारत बायोटेक ने ¨सगापुर के हिलमैन लैबोरेटरीज (मर्क यूएसए और वेलकम ट्रस्ट द्वारा फंडेड) के लाइसेंस के तहत विकसित किया गया था। उन्होंने कहा, हिलकोल साझेदारी की उत्कृष्ट सफलता की कहानी है। इससे वैश्विक स्तर पर हैजा से लड़ने के हमारे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। बीबीआइएल जल्द ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के माध्यम से दुनिया भर में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से संपर्क करेगी।गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर इसके मामले और मौतें 2021 से लगातार बढ़ रही हैं।
हालांकि हैजा की रोकथाम और उपचार संभव है। 2023 की शुरुआत से इस साल मार्च तक 31 देशों में 824,479 मामले और 5,900 मौतें दर्ज की गईं।रायटर के अनुसार बीबीआइएल ने कहा, हमारा इरादा सबसे पहले अफ्रीकी महाद्वीप की मदद करना है, जहां स्थिति बदतर है। और यदि कोई अफ्रीकी देश हमसे वैक्सीन खरीदना चाहता है तो हम इसके लिए तैयार हैं।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India