कोरबा जिले के बालको वनांचल क्षेत्र में हाथी ने कुचल कर पहाड़ी कोरवा महिला और दो मवेशियों को मौत के घाट उतार दिया। घटना बालको वन परिक्षेत्र पंचायत माखुरपानी गांव गढकटरा की है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार के देर रात की घटना बताई जा रही है जहां पर हलाई बाई पहाड़ी कोरवा (75 वर्ष) अपने मकान में सो रही थी इसी बीच दंतैल हाथी ने हमला कर मौत घाट उतार दिया। सूचना मिलते ही सरपंच एवं वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंची और घटनाक्रम की जानकारी लेते हुए हाथी का रेस्कयू शुरू किया।
बताया जा रहा है कि दंतैल हाथी पाली वन मंडल में एक बुजुर्ग को मौत घाट उतारने के बाद बालकों की वन परिक्षेत्र में पहुंच गया है जहां शुक्रवार की रात उसने आतंक मचा है और यहां पहुंचते ही एक महिला और दो मवेशियों को मौत के घाट उतार दिया।
बताया जा रहा है कि 75 वर्षीय पहाड़ी कोरबा हलाई बाई घर पर सो रही थी इस दौरान अचानक से हाथी का दहाड़ सुन कर वो घर पर छुपी हुई थी वही किसी तरह वह हाथी को देख भाग रही थी इस दौरान हाथी ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया वही दो मवेशियों को भी उसने मार दिया। इस घटना के बाद आसपास रहने वाले लोग भी दहशत में आ गए और किसी तरह रात भर डर के साए में जीने को मजबूर थे इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी गई जहां वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच घटनाक्रम की जानकारी ली और आसपास गांव में मुनादी कराई गई लाउडस्पीकर के माध्यम से हाथी के पीछे-पीछे वहां जा रही थी और लोगों को अलाउंस कर चेतावनी दे रही थी कि गांव में हाथी आया है घर से बाहर न निकले वही जंगल की ओर न जाए।
बालको रेंजर जैन सरकार ने बताया कि रात के वक्त सूचना मिलते हि बीट गार्ड और वन विभाग की तीन मौके पर पहुंची और घटनाक्रम की जानकारी ली गई है वन हमला मौके पर मौजूद है और हाथी पर नजर बनाए रखे हुए हैं।
आपको बता दे हाथी पिछले एक माह से कोरबा जिले के पाली वन परिक्षेत्र में दो लोगों को पहले मौत के घाट उतारा उसके बाद जांजगीर चापा जिले के पंतोरा जंगल में कई दिनों तक डेरा डाला हुआ था उसे रेस्कयू पर खड़े रहने अचानक मार्ग से एक महावत और कुमुदनी हाथी को लाया गया था जो कंट्रोल नहीं होने पर वापस एक सप्ताह बाद लौट गई।पंतोरा जंगल से होते हुए वह बिलासपुर वन मंडल पहुंचा उसके बाद पाली वन मंडल में एक को मौत के घाट उतारा और अब बालको वन मंडल में आतंक मचाया हुआ है।
पिछले एक माह से हाथी जिले में आतंक मचा रहा है वन विभाग तमाम प्रयास कर रही है लेकिन उसके बावजूद भी हाथी का रेस्कयू कर उसे सुरक्षित जंगल में नहीं भेजा जा सका कहीं न कहीं चार लोगों की मौत वन विभाग की एक बड़ी लापरवाही को उजागर करता है।