सीमांत क्षेत्र को जोड़ने वाला ज्योतिर्मठ-मलारी हाईवे दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया। शनिवार को फिर पहाड़ी से चट्टान टूटने से हाईवे पर भारी मलबा आ गया। वहीं दूसरी तरफ मसूरी में भी राष्ट्रीय राजमार्ग कफलानी के पास बंद है। पहाड़ गिरने से हाईवे सुबह पांच बजे से बन्द है। मौके पर जेसीबी मशीन लगाकर मलबा हटाया जा रहा है।
दूसरी तरफ यमुनोत्री हाईवे पर खरादी कुथनौर के बीच आएं दिन मलबा पत्थर आने से आवाजाही बाधित हो रही है। जिस वजह से श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को स्वयं पत्थरों को हटाकर वाहनों को आगे बढ़ाना पड़ रहा है।
मलवा पत्थरों के चपेट में आने का भय भी बना हुआ है। मध्य रात्रि को बारिश के बीच मलबा पत्थरों के आने से हाईवे बंद रहा, जिसे सुबह साढ़े छः बजे लोगों ने स्वयं पत्थरों को हटाकर वाहनों को आगे बढ़ाया लेकिन आवाजाही जोखिम भरी हो रही है।
सीमांत क्षेत्र को जोड़ने वाला ज्योतिर्मठ-मलारी हाईवे के बंद होने से सेना, आईटीबीपी और ग्रामीणों की आवाजाही भी बंद हो गई है।
बीआरओ की ओर से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन लगातार चट्टान से पत्थर गिर रहे हैं। इससे हाईवे को खोलने में समय लग रहा है।
हाईवे को खोलने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में यहां हाईवे पर आवाजाही सुचारू होने में समय लग सकता है। मौके पर जिस तरह की स्थिति है उससे शनिवार तक ही हाईवे सुचारू हो पाएगा।
हाईवे बंद होने से सीमांत क्षेत्र के गांव लाता, सुराईथोटा, भल्ला गांव, तमक, जेलम, मलारी, नीती, फरिकिया सहित एक दर्जन से अधिक गांवों की आवाजाही बंद हो गई है।