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कलेक्टर जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए संवेदनशीलता के साथ करें कार्य – साय

रायपुर 12 सितम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कलेक्टर आम जनता के हितों को केन्द्र में रखकर संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हो।

     श्री साय ने आज यहां लगातार 08 घंटे तक चली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कहा कि शासन की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। इन योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने के लिए मिशन मोड पर जुट कर काम करें। प्रशासन के कार्यों से जनता के मन में शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास का भाव उत्पन्न हो।

      उन्होने कहा कि अच्छे कार्यों की सराहना होगी और कार्य में लापरवाही बरतने पर कड़ा रूख भी अपनाया जाएगा। कलेक्टरों के परफार्मेंस की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाएगी और जिलों की रैंकिंग तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदारी आपको सौंपी गई है उसकी मॉनिटरिंग की जाती है। फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन और जिला प्रशासन के कार्यों पर हमारी नजर रहती है। जिले में होनी वाली घटनाओं पर जिला प्रशासन कितनी तत्परता से काम करता है, यह भी देखा जाता है। कलेक्टरों की पहली जिम्मेदारी दंडाधिकारी के रूप में कानून व्यवस्था बनाए रखने की है। विभिन्न संगठनों के साथ संवाद के दौरान यदि असंतोष की कोई बात सामने आती है, तो उसका समाधान स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है।

   श्री साय ने कहा कि रायपुर में गुरूवार को जनदर्शन आयोजित किया जाता है। इसमें अनेक ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं आती हैं जिनका समाधान तहसील और जिला स्तर पर किया जा सकता है। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि रायपुर में होने वाले जनदर्शन में ऐसी समस्याएं ही आएं जिनका समाधान जिला स्तर पर नहीं हो सकता है। जिलों में आम जनता की समस्या के समाधान के लिए कलेक्टर जनदर्शन का कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किया जाए। नागरिकों तक शासन की योजनाओं की सुगम पहुंच से शासन की छवि बनती है। कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि भूमिहीन परिवारों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत न आए। प्राथमिकता के साथ इन परिवारों का जाति प्रमाण पत्र बनाए जाएं।

    उन्होने कहा कि पीएम जनमन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों की पीड़ा को मैंने करीब से महसूस किया है। पीएम जनमन योजना इन जनजातियों के लिए आशा की नई किरण है। इसका क्रियान्वयन पूरी गंभीरता से करते हुए योजनाओं का हितग्राहियों को शत-प्रतिशत लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के बीच जाकर मैं स्वयं पीएम जनमन योजना के क्रियान्वयन का निरीक्षण करूंगा। प्रधानमंत्री जी ने हाल ही में आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रदेश में 8 लाख 46 हजार आवासों की स्वीकृति दी है। जिससे गरीब परिवारों के स्वयं के घर का सपना अब पूरा होगा।

   श्री साय ने कहा कि शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पहली बार पैरेंट्स टीचर मीटिंग और जनभागीदारी से न्योता भोज की पहल की गई है। स्थानीय भाषा में बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की गई है। शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ स्कूलों की इमारत की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। स्कूलों में बच्चों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए।

    उन्होने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों का निराकरण समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ हो। राजस्व मामलों को हल करने में अमला जितनी तत्परता दिखायेगा, सरकार की छवि भी उतनी ही अच्छी बनेगी। हम जितना तकनीकी नवाचार को बढ़ाएंगे, राजस्व संबंधी भ्रष्टाचार उतना ही घटेगा। डिजिटल क्राप सर्वे, भू नक्शे की जियो-रिफ्रेंसिंग आदि के माध्यम से इस क्षेत्र में पारदर्शिता आयेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से अधिकतम रोजगार के अवसर सृजित हों। जल संचय के कार्यों को बढ़ावा दिया जाए। छत्तीसगढ़ में तालाबों की सुन्दर परंपरा रही है। नये तालाब बनाए जाएं, इससे जल स्तर बेहतर होगा, खेती-किसानी के लिए पानी मिलेगा।

  श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो, निजी अस्पतालों में भी मरीजों का आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने में कोई दिक्कत न आए। पीएम जनऔषधि केन्द्र प्राइम लोकेशन पर हो, यहां दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता हो। प्रदेश की बड़ी आबादी शासकीय अस्पतालों पर निर्भर हैं, इसकी व्यवस्था दुरूस्त हो। हेल्थ बजट का उचित उपयोग हो और बुनियादी स्वास्थ्य अधोसंरचनाएं तैयार करने में जीवन दीप समितियों और डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाए। डेंगू और मलेरिया को लेकर सतत अभियान चलाया जाए। सिकल सेल के मरीजों को चिन्हांकन और इलाज की समुचित व्यवस्था हो।

   मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों में तकनीकी वजहों से कुछ हितग्राहियों को महतारी वंदन योजना की राशि मिलने में दिक्कत आती है, इस पर कलेक्टर नजर रखें। कुपोषण दूर करने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। दलहन-तिलहन और मिलेट्स का रकबा बढ़ाया जाए। उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम हो। शहरी क्षेत्रों में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के क्रियान्वयन, पेयजल, सीवरेज सिस्टम साफ-सफाई के काम पर पूरा फोकस रखें। शहरों में आबादी तेजी से शिफ्ट हो रही है। यहां नागरिक सुविधाओं को नये सिरे से तैयार किया जाए। वनाधिकार पत्रों के आवेदनों पर तेजी से काम करें।

  उन्होने कहा कि वंचित तबके के जीवन का आधार पेंशन की राशि होती है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि हितग्राहियों को समय पर पेंशन का भुगतान हो। उन्होंने कहा कि निराश्रित निधि में 400 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध है। दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष स्कूल और अस्पताल के निर्माण की कार्ययोजना बनाकर शीघ्र प्रस्तुत करें। नशामुक्ति आज राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। प्रत्येक जिले में नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना कर विशेष अभियान चलाएं।

    श्री साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित और संवेदनशील जिलों की खेल प्रतिभाओं को दुनिया से जोड़ने के लिए बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। दिव्यांग और आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी इसमें खेल प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।

    इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी.दयानंद,बसवराजु एस.,राहुल भगत तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।