सितंबर में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। अमेरिकी और खाड़ी देशों के तेल में 10% से ज्यादा की कमी आई है। भारत जैसे देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि देश अपनी ऊर्जा की जरूरत का 85% आयात करता है। कच्चे तेल की कीमतों में कमी से भारत का आयात बिल घटेगा और विदेशी पूंजी का प्रवाह भी कम होगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हाल के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका और चीन में मंदी की चिंताओं के चलते पिछले 5 दिनों में ब्रेंट क्रूड की कीमत में लगभग 4 फीसदी और पिछले एक महीने में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है। वर्तमान में ब्रेंट क्रूड की कीमत 72 डॉलर प्रति बैरल से अधिक है, जो 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई थी। कच्चे तेल की कीमतों की गिरावट का असर शेयर बाजार में भी देखने को मिला है। घरेलू उद्योग जैसे पेंट, टायर, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां और एयरलाइंस कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है, जबकि तेल निकालने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है।
पेंट कंपनियों पर असर
कच्चे तेल की कीमतों में कमी का लाभ पेंट कंपनियों को हो सकता है, क्योंकि कच्चा तेल पेंट के इनपुट कॉस्ट का 35% हिस्सा होता है। कोटक सिक्योरिटीज के सुमित पोखरना के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से पेंट कंपनियों को लाभ होगा, हालांकि इस क्षेत्र के स्टॉक्स की कीमतें बढ़ गई हैं। एशियन पेंट्स, बर्जर पेंट्स इंडिया और कंसाई नेरलोक के शेयरों में हाल ही में तेजी आई है।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर असर
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में भी कच्चे तेल की कम कीमतों का असर देखा गया है। हालांकि, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की आशा ने मंगलवार को इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट लाई। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयरों में क्रमशः 3.11%, 1.49% और 2.69% की गिरावट आई है।
एविएशन सेक्टर पर असर
एविएशन सेक्टर में कच्चे तेल की गिरती कीमतों का लाभ हो सकता है, क्योंकि फ्यूल इस क्षेत्र की सबसे बड़ी लागत होती है। इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में 1.16% की बढ़त हुई, जबकि स्पाइसजेट के शेयरों में 3.89% की गिरावट आई।
टायर शेयरों की स्थिति
कच्चे तेल की कीमतों में कमी से टायर कंपनियों को लाभ हो सकता है, क्योंकि सिंथेटिक रबर की लागत कच्चे तेल पर निर्भर होती है। सिएट टायर्स, अपोलो टायर्स और एमआरएफ टायर्स के शेयरों में मामूली वृद्धि देखी गई है।
तेल निकालने वाली कंपनियों पर असर
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का तेल निकालने वाली कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ऑयल इंडिया, हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन और ओएनजीसी के शेयरों में गिरावट देखी गई है।