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मुख्यमंत्री साय ने कलेक्टर-एसपी को दी हिदायत, साइबर क्राइम और नक्सल-अपराध जैसे मुद्दों पर कही ये बात…

छत्तीसगढ़ में कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का रिजल्ट कल से ही मैदानी स्तर पर दिखना शुरू हो जाए। उन्होंने कहा कि जिले स्तर की समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर ही किया जाए, इसके लिए सुविधा अनुसार जिले में नियमित जनदर्शन आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्थानीय एवं जिले स्तर पर निराकृत हो सकने वाले मामले स्थानीय एवं जिले स्तर पर ही निराकृत हो, यह सभी कलेक्टर प्रति सप्ताह जनदर्शन लेकर सुनिश्चित करें।

यदि स्थानीय स्तर पर निराकृत होने वाले प्रकरण राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री जनदर्शन में आएंगे, तो वह संबंधित जिले में प्रशासनिक अमले की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगने की दृष्टि से देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर की समस्याओं का समाधान प्रदेश स्तर पर किया जाएगा। रायपुर में अब मुख्यमंत्री जनदर्शन माह में केवल एक बार आयोजित किया जाएगा, जिसमें महत्वपूर्ण और राज्य स्तरीय मामले ही आने चाहिए। साय ने कहा कि पुलिस विभाग की रीढ़ अनुशासन है। ऐसे में आवश्यक है कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पुलिस के कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मोदी जी की गारंटी और सुशासन की गारंटी की सरकार है। अधिकारी स्वयं को जनता का सेवक मानते हुए पूरे समर्पण, मेहनत और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। शासन की नीतियों और योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी पारदर्शिता के साथ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार को 9 माह पूरे हो रहे हैं। इस खास मौके पर आप सभी से चर्चा का यह अनुभव शानदार रहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला और पुलिस प्रशासन सरकार की आंख और कान के समान है। जिला प्रशासन के कार्यों से शासन की इमेज बनती है। उन्होंने कहा कि पुलिस के हाथ लोहे के और दिल मोम का होना चाहिये। अपराधियों और असामाजिक तत्वों में पुलिस का भय हो तथा समाज के कमजोर वर्गों, महिलाओं, और बच्चों में सुरक्षा का भाव जगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं से संबंधित गंभीर अपराधों में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी हो और विशेष अभियोजक नियुक्त कर समयबध्द ट्रायल पूर्ण करवाकर दोष सिद्ध होने पर सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाए। सैद्धांतिक रूप से इन प्रकरणों के आरोपियों को तीन माह की समय-सीमा में समस्त वैधानिक कार्यवाही पूर्ण कर न्यायालय द्वारा प्रकरण में सजा दिलाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। अवैध शराब, सट्टा, मादक पदार्थ, जुआ के विरूद्ध जीरो टालरेंस के साथ काम किया जाए। ऐसी शिकायतें मिलने पर इसके लिये पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार माने जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सायबर क्राईम को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही यह भी आवश्यक है कि इन अपराधों पर नियंत्रण के लिये पुलिस सक्षम हो। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को रोकने के लिए दुर्घटना जन्य स्थानों की पहचान की जाए। लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करें। प्रतिबंधात्मक कार्यवाही विशेषकर जिला बदर के प्रकरणों में कलेक्टर समय-सीमा में आदेश प्रसारित करें। आदेश केवल कागज पर ही न रहें, उसका पालन सुनिश्चित हो। वाहनों को राजसात करने व चिटफण्ड के प्रकरणों में भी आवश्यक ध्यान देने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर मिली सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आप सभी की बहादुरी, कौशल और पैरा मिलेट्री फोर्सेस के साथ समन्वय से प्रदेश में नक्सलियों के पांव उखड़ रहे है। यह जरूरी है कि इन सुदूर इलाकों में विकास का उजाला भी पहुंचे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ‘‘नियाद नेल्लानार योजना‘‘ का प्रभावी कियान्वयन जरूरी है। नई सरकार के गठन के बाद माओवादी समस्या के समूल उन्मूलन के लिए ज्वाईन्ट एक्शन प्लान पर अमल किया जा रहा है, जिसका यह परिणाम है कि विगत् 09 माह में सुरक्षा बलों द्वारा 108 मुठभेड़ों में 159 माओवादियों के शव और बड़ी मात्रा हथियार विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। विगत 9 माह में 34 फारवर्ड सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है। जिससे माओवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ को 04 नवीन सीआरपीएफ बटालियनें आबंटित की गई है। सुदूर क्षेत्रों में विकास कार्यां के तहत 44 मार्ग और 10 पुलों का निर्माण किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पीड़ित एवं आत्म समर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द लाई जाएगी। माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में आमजनों का विश्वास अर्जित करने और माओवादियों के उन्मूलन के लिए आक्रामक कार्यवाही की रणनीति जारी रहेगी। जनता और शासन प्रशासन के बीच निरंतर संवाद जनता के बीच विश्वास पैदा करता है। नियमित पुलिसिंग, लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण, पुलिस की पारदर्शी कार्य प्रणाली सुशासन की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जन सेवा हम सबका उद्देश्य है। छत्तीसगढ़ में खुशहाली हो, शांति और सुरक्षा हो, इसकी जिम्मेदारी हम सब पर है।