बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा। मोक्ष की भूमि गया की पावन धरती पर पितरों की मुक्ति की कामना को लेकर देश-विदेश से लाखों तीर्थयात्रियों गया पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए इस साल पूरे मेला क्षेत्र को 17 सुपर ज़ोन, 43 जोन एवं 324 सेक्टर में विभाजित कर दिया गया। सभी सेक्टर में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, महिला दंडाधिकारी, महिला पुलिस पदाधिकारी एवं पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए किए गए कड़े बंदोबस्त
जिलाधिकारी ने कहा कि पितृपक्ष मेले को लेकर सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 17 सितंबर को गोदावरी तालाब में तर्पण होगा और इसके बाद 2 अक्टूबर तक विभिन्न सरोवरों और पिंडवेदियों में तर्पण अनुष्ठान किया जाएगा। इस दौरान जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को रहने से लेकर पिंड वेदियों की साफ सफाई, बिजली, शौचालय, स्वास्थ्य, जलापूर्ति एवं स्वच्छता, यातायात एवं परिवहन, आपदा, सड़क, विधि व्यवस्था सब बंदोबस्त कर लिए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि भगदड़ बचाव हेतु संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करते हुए पानी में डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए योजना बनाई गई है। सुरक्षा के लिए सभी सरोवरों और देवघाट में एसडीआरएफ, गोताखोर, लाइव जैकेट और नाव आदि के बंदोबस्त कर दिए गए है।
एक बार में 40 से 50 हजार तीर्थयात्री कर सकेंगे तर्पण
डीएम ने बताया कि विष्णुपद मंदिर और देवघाट जाने वाले रास्ते संकीर्ण हैं और इन्हें चोक प्वाइंट के रूप में चिन्हित किया गया है। भीड़ नियंत्रण के लिए अधिकारियों की विशेष टीम गठित की गई हैं। श्मशान घाट से गया जी डैम तक एक बार में 40 से 50 हजार तीर्थयात्री तर्पण कर सकते हैं। सरोवरों में बैरिकेडिंग के साथ-साथ साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी दिक्कत का सामना न करना पड़े। शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।