Tuesday , December 3 2024
Home / खेल जगत / क्यों Ben Stokes अगले 2 सीजन तक नहीं खेल पाएंगे आईपीएल? BCCI का नया नियम जानें

क्यों Ben Stokes अगले 2 सीजन तक नहीं खेल पाएंगे आईपीएल? BCCI का नया नियम जानें

इंग्लैंड टीम के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने आईपीएल 2025 ऑक्शन के लिए अपना नाम रजिस्टर नहीं कराया। वह अपने वर्कलोड मैनेज करना चाहते हैं और इस वजह से वह मेगा ऑक्शन का हिस्सा नहीं होंगे।

हाल ही में आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन के लिए 1500 से ज्यादा खिलाड़ियों ने खुद को रजिस्टर किया है। इस बार इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन भी मेगा ऑक्शन में हो सकते हैं। उन्होंने खुद को 1.25 करोड़ रुपये की बेस प्राइज में रखा है।

वहीं,बेन स्टोक्स की बात करें तो आखिरी बार आईपीएल 2023 में वह सीएसके का हिस्सा थे, लेकिन वह टूर्नामेंट के दौरान इंजर्ड हो गए थे और घुटने की इंजरी के चलते उन्होंने सीजन में केवल दो मैच खेले थे।

साल 2021 में उन्होंने आखिरी बार आईपीएल मैच खेला था। इसके बाद 2024 में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। अब वह अगले दो सीजन तक आईपीएल में खेलते हुए नजर नहीं आएंगे। आइए जानते हैं बीसीसीआई के नए नियम के बारे में जिसकी वजह से बेन स्टोक्स अब दो साल बाद आईपीएल खेल सकते हैं।

IPL 2025 Mega Auction का हिस्सा नहीं होंगे Ben Stokes!

दरअसल, बीसीसीआई ने 5 नवंबर को आईपीएल 2025 मेगा नीलामी की तारीखों की घोषणा की। कुल 1,574 खिलाड़ियों (1,165 भारतीय और 409 विदेशी) ने आईपीएल 2025 प्लेयर नीलामी के लिए साइन अप किया है। आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन का आयोजन 24 और 25 नवंबर को जेद्दा, सऊदी अरब में किया जाएगा। लिस्ट में 320 कैप्ड खिलाड़ी, 1,224 अनकैप्ड खिलाड़ी और एसोसिएट नेशंस के 30 खिलाड़ी शामिल हैं। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेन स्टोक्स का नाम आईपीएल ऑक्शन 2025 की लिस्ट में शामिल नहीं हैं।इंग्लैंड की टीम का शेड्यूल काफी व्यस्त होने वाला है, जिस वजह से हो सकता है कि बेन स्टोक्स आईपीएल खेलने का फैसला न ले। हालांकि, इसको लेकर अभी तक आधिकारिक जानकारी नही मिली है।

बेन स्टोक्स आईपीएल ऑक्शन 2025 का अगर हिस्सा नहीं होते तो वह अगले दो सीजन तक आईपीएल खेलते हुए नजर नहीं आएंगे। बीसीसीआई के नए नियम के अनुसार, अगर कोई भी खिलाड़ी ऑक्शन में बिकने के बाद नाम वापस लेता है तो उस पर दो सीजन के लिए प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।इस नियम से पहले कई विदेशी खिलाड़ी ऑक्शन में बिकने के बाद नाम वापस ले लेते थे। ऐसे में टीमों को नुकसान होता था।