रायपुर 13 नवम्बर।कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने नोटबंदी आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि इसने लाखों नौकरियां छीन लीं तथा उद्योग धंधा चौपट कर दिया।दूसरी तरफ कालाधन वालों की ऐश हो गई जिन्होंने रातों रात उसे ‘सफेद’ बना लिया।
श्री सुरजेवाला ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नोटबंदी की ‘दूसरी बरसी’ पर आखिरकार कल छत्तीसगढ़ में मोदी जी को अपनी षडयंत्रकारी चुप्पी तोड़नी ही पड़ी। देश के गरीब, किसान, मध्यमवर्ग, दुकानदार व व्यवसायी की कमाई लूटने वाली नोटबंदी की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे मोदी जी ऐसे ही लग रहे थे, जैसे – ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा’।
उन्होने आरोप लगाया कि नोटबंदी से ठीक पहले भाजपा व आरएसएस ने सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति पूरे देश में खरीदी। कांग्रेस पार्टी ने बिहार में कम कीमतों पर खरीदी आठ संपत्तियों की सूची एवं उड़ीसा में खरीदी 18 संपत्तियों की सूची तथा कागजात सार्वजनिक किए थे। क्या भाजपा व आरएसएस को नोटबंदी के निर्णय की जानकारी पहले से थी? क्या कारण है कि भाजपा व आरएसएस ने इतने सैकड़ों व हजारों करोड़ की संपत्ति खरीदी व इसे सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया? क्या इसकी जाँच नहीं होनी चाहिए?
श्री सुरजेवाला ने कहा कि नोटबंदी से ठीक पहले सितंबर16 में बैंकों में यकायक 5,88,600 करोड़ रुपया अतिरिक्त जमा हुआ। इसमें से तीन लाख करोड़ फिक्स्ड डिपॉजि़ट में मात्र 15 दिन में जमा हुआ। क्या इससे साबित नहीं होता कि नोटबंदी की एडवांस जानकारी दे दी गई थी? क्या कारण है कि 5,88,600 करोड़ रुपया जमा कराने वाले किसी व्यक्ति की जाँच नहीं हुई?