बवाल के तीसरे दिन शहर का मुख्य बाजार और सराफा बाजार खुला तो जरूर लेकिन ग्राहक नहीं पहुंचे। दिनभर कारोबारी खाली हाथ ही बैठे रहे। मुस्लिम कारोबारियों ने दुकान खोलने से परहेज किया। कारोबारियों का कहना है कि रविवार, सोमवार बाजार बंद रहा और मंगलवार को भी ग्राहक नहीं आए। इससे कारोबारियों को दो से तीन करोड़ के नुकसान की बात कही जा रही है।
रविवार की सुबह जब बवाल हुआ तो बाजार पूरी तरह से नहीं खुला था। इक्का-दुक्का दुकानें ही खुली थीं। जब बवाल शुरू हुआ तो बाजार पूरी तरह से बंद हो गया। शहर के साथ आसपास इलाके की दुकानें भी बंद हो गईं। इसके बाद सोमवार को भी बाजार बंद रहा जिससे लोगों को रोजमर्रा की जरूरी सामग्री खरीदने के लिए भी दिक्कत हो गई। वहीं कारोबार पर भी काफी असर पड़ा। हालांकि मंगलवार को बाजार खुला लेकिन ग्राहक नहीं पहुंचे। दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते रहे।
कारोबारियों का कहना है कि शादियों का सीजन है और इस बार अच्छा कारोबार होने की उम्मीद थी लेकिन दो दिन की बंदी से कारोबार में काफी नुकसान है। क्योंकि ग्राहक अब आने से डर रहा है। सराफा कारोबारियों का कहना है कि दो दिन में दो से तीन करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया का कहना है कि अब उनकी प्राथमिकता शहर का माहौल सामान्य करने की है। इसके लिए कारोबारियों से संवाद किया है कि वह अपने अपने कारोबार की शुरुआत करें।
दो दिन बाजार बवाल के कारण बंद रहा और मंगलवार को बाजार खुला तो है लेकिन कोई कोई ग्राहक ही पहुंचा है। आने वाले दिनों में भी कारोबार प्रभावित हो सकता है क्योंकि लोग शहर आने से बच रहे हैं।
-रूपेश सराफ, महामंत्री, नगर सराफा कमेटी, संभल
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