सर्दियों में यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या आम हो जाती है। कई लोग यूरिक एसिड बढ़ने से होने वाली तकलीफ को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। यही कारण है कि वह लंबे समय तक दवाइयों का सेवन करते हैं। हालांकि दवाईयों का सेवन करने के बावजूद उन्हें इससे राहत नहीं मिलती।
सर्दियों में यूरिक एसिड की तकलीफ रात भर की नींद को उड़ा देती है। अब ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताएंगे जो आपको यूरिक एसिड कम करने के लिए काफी हद तक मदद करेंगे। अगर आप नियमित इन योगासन को करते हैं तो आपको यूरिक एसिड से बहुत जल्दी आराम मिल सकता है।
सुबह उठते ही योगासन करने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। यहां 4 योगासन हैं जो यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं।
वृक्षासन (ट्री पोज): योग में यह आसन शरीर को संतुलित करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है। वृक्षासन या ट्री पोज एक तरह से खड़े होकर किए जाने वाला योगासन है। यह आसन संतुलन, स्थिरता और ध्यान को बढ़ाता है। यह एक प्रतिष्ठित योग मुद्रा है जो हठ योग से अपनी जड़ें लेती है।
पवनमुक्तासन (विंड रिलीजिंग पोज): यह आसन पाचन तंत्र को सुधारने और विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है। बता दें कि सबसे पहले जमीन पर मैठ बिछा लें और उसपर पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद अपने घुठने को मोड़े और उसे छाती पर ले आएं। ठीक ऐसे ही बाएं घुठने को भी छाती के करीब ले आएं। इससे आपको यूरिक एसिड कम करने में काफी मदद मिलेगी।
भुजंगासन (कोबरा पोज): आसन मेरुदंड को मजबूत करने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है।
शलभासन (ग्रासहॉपर पोज) : यह आसन पाचन तंत्र को सुधारने और विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है।
इन योगासनों को करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
सुबह उठते ही खाली पेट योगासन करें।
योगासनों को धीरे-धीरे और सावधानी से करें।
यदि आपको कोई चोट या बीमारी है, तो योगासनों को करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
योगासनों के अलावा, स्वस्थ आहार और जीवनशैली का पालन करें।