भारत में हर साल 15 जनवरी को थल सेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय थल सेना के जवानों के बलिदान और देश सेवा के प्रति समर्पण को याद करने का दिन होता है।
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सेना दिवस पर भारतीय सेना के कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की संप्रभुता की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणा का काम करती है।
राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा, मातृभूमि की सेवा में आपके द्वारा दिए गए अनगिनत बलिदानों को राष्ट्र कृतज्ञता से याद करता है। सेना दिवस पर मैं भारतीय सेना के कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देता हूं। राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपकी अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी सेना दिवस पर भारतीय सेना के कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, आज, सेना दिवस पर, हम भारतीय सेना के अटूट साहस को सलाम करते हैं, जो हमारे देश की सुरक्षा के प्रहरी के रूप में खड़ी है। हम उन बहादुरों के बलिदान को भी याद करते हैं जो हर दिन करोड़ों भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इन वर्षों में, हमने कई सुधार किए हैं और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। यह आने वाले समय में भी जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि 1949 में आज ही के दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ बने थे। इसीलिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। करियप्पा बाद में फील्ड मार्शल बने थे।
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