प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा को प्रभावी और जवाबदेह बनाया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर एंबुलेंस की बैकअप व्यवस्था रहेगी। प्रदेश सरकार 108 एंबुलेंस के बेड़े को बढ़ाकर 272 से 334 करने जा रही है। इसके अलावा पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में एंबुलेंस संचालन के लिए अलग-अलग रिस्पॉस टाइम तय किया गया है।
दुर्घटना के दौरान जरूरतमंद व्यक्ति को एंबुलेंस की लोकेशन की सटीक जानकारी दी जाएगी। तय समय सीमा पर एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर सेवा दाता कंपनी पर तीन गुना जुर्माना लगाया जाएगा।बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने अपने आवास पर स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को 108 आपातकालीन सेवा को सुलभ बनाने के निर्देश दिए।
मरीजों के साथ व्यवहार ठीक न होने पर की जाएगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री ने एंबुलेंस की जवाबदेही तय कर रिस्पॉंस टाइम कम से कम करने को कहा। पर्वतीय क्षेत्र में एंबुलेंस का रिस्पॉंस टाइम 18 से 20 मिनट और मैदानी इलाकों में 15 मिनट तय किया जाएगा। साथ ही जरूरतमंद व्यक्ति को एंबुलेंस की सटीक लोकेशन की सूचना भी उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे एंबुलेंस के आने की जानकारी मिल सके।
डॉ.रावत ने कहा कि रिस्पॉंस टाइम की तय समय सीमा के भीतर एंबुलेंस न मिलने पर सेवा प्रदाता के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर तीन गुना जुर्माना लगाया जाएगा। ड्राइवर या मेडिकल स्टॉफ का मरीजों के साथ व्यवहार ठीक न होने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मरीजों को चिकित्सालय में एक ही एंबुलेंस से पहुंचाया जाएगा।
अब रास्ते में अलग एंबुलेंस नहीं बदलनी पड़ेगी। इसके लिए जिलों बैकअप में एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी। जिन विकासखंडों में एंबुलेंस की कमी है, वहां एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ.सुनीता टम्टा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ.मनोज उप्रेती, संयुक्त निदेशक तुहिन कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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