नई दिल्ली 01 फरवरी।केन्द्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे का समग्र पूंजीगत व्यय कार्यक्रम 1,58,658 करोड़ रुपये का है।
श्री गोयल ने कहा, ‘यह भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे सुरक्षित वर्ष रहा है क्योंकि बड़ी लाइनों वाले नेटवर्क पर अवस्थित सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है।उन्होने कहा कि स्वेदश में पहली बार विकसित एवं निर्मित सेमी हाई-स्पीड ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ का परिचालन शुरू होने से भारतीय यात्रियों को तेज रफ्तार, बेहतरीन सेवा एवं सुरक्षा के साथ विश्वस्तरीय अनुभव होगा। हमारे इंजीनियरों द्वारा पूर्ण रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगाई गई इस उल्लेखनीय ऊंची छलांग से ‘मेक इन इंडिया’ को काफी बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही रोजगारों का सृजन भी होगा।
उन्होने कहा कि ‘बुनियादी ढांचा किसी भी राष्ट्र के विकास और बेहतर जीवन स्तर की रीढ़ है। चाहे यह राजमार्ग हो या रेलवे अथवा हवाई मार्ग या डिजी-वे हो, हमने वृद्धिपरक विकास से भी कहीं आगे बढ़कर रूपांतरकारी उपलब्धियां हासिल की हैं।’उन्होने बताया कि सिक्किम में पक्योंग एयरपोर्ट के चालू होने के साथ ही परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्या 100 का आंकड़ा पार कर गई है। पिछले पांच वर्षों में घरेलू यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई है जिससे बड़ी संख्या में रोजगार भी सृजित हो रहे हैं। आज विश्व भर में सबसे तेजी से राजमार्गों का विकास भारत में ही हो रहा है। भारत में प्रतिदिन 27 किलोमीटर लंबे राजमार्गों का निर्माण हो रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि कई दशकों से अटकी पड़ी कई परियोजनाएं अब पूरी कर ली गई हैं जिनमें दिल्ली के आसपास स्थित ईस्टर्न पेरिफेरल हाईवे और असम एवं अरुणाचल प्रदेश में बोगीबील रेल-सह-सड़क पुल भी शामिल हैं। देश के तटीय क्षेत्रों से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम ‘सागरमाला’ से ऐसे बंदरगाहों का विकास संभव हो पाएगा जहां आयात एवं निर्यात कारगो का त्वरित संचालन हो सकेगा। पहली बार कोलकाता से वाराणसी तक अंतर्देशीय जल मार्ग पर कंटेनर फ्रेट की ढुलाई शुरू हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ब्रह्मपुत्र नदी की नौवहन क्षमता बढ़ाकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए भी कंटेनर कारगो की आवाजाही की शुरुआत करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल के नक्शे पर स्थान मिला है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आवंटन को बजटीय अनुमान 2018-19 की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़ाकर बजटीय अनुमान 2019-20 में 58,166 करोड़ रुपये किया गया है।