पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है। इस बीच पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में भी हड़कंप मचा हुआ है और वहां के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर-उल-हक ने संकेत दिए हैं कि यदि हालात बिगड़ते हैं तो क्षेत्र में आपातकाल लागू किया जा सकता है।
पर्यटकों के प्रवेश पर लगी रोक
भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर नीलम घाटी और नियंत्रण रेखा (LOC) के निकटवर्ती संवेदनशील इलाकों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही धार्मिक मदरसों को 10 दिनों के लिए बंद करने का आदेश भी दिया गया है।
पीओके के प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि भारत की आक्रमकता की स्थिति में भोजन, दवाएं और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आपातकालीन फंड में एक अरब रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं और होटल, गेस्टहाउस तथा शादी हॉल के संचालकों ने अपनी संपत्तियां सेना को देने की पेशकश की है।
मदरसे किए गए बंद
अधिकारियों ने नीलम घाटी और एलओसी के आसपास के संवेदनशील इलाकों में स्थित मदरसों को 10 दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया है। ऐसी आशंका है कि भारत इन संस्थानों को आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बताकर निशाना बना सकता है।
कानून मंत्री मियां अब्दुल वाहिद ने कहा, “हम एक ऐसे चालाक, क्रूर और षड्यंत्रकारी दुश्मन से निपट रहे हैं, जिसके किसी भी नीच हरकत से इनकार नहीं किया जा सकता है।”
हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध
कराची और लाहौर के हवाई क्षेत्रों में पूरे महीने के दौरान हर दिन 8 घंटे (सुबह 8 से शाम 4 बजे तक) उड़ानें बंद रखने की घोषणा की गई है। गिलगित-बाल्टिस्तान में भी उड़ानों पर असर पड़ रहा है।
पीओके के प्रधानमंत्री ने विधानसभा में कहा कि हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय सेना द्वारा गोलीबारी की जा रही है, जिससे नुकसान भी हुआ है।
एक आपात बैठक में होटल संघों ने सेना के साथ एकजुटता व्यक्त की और जरूरत पड़ने पर अपने प्रतिष्ठानों को सौंपने की बात कही।
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