कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) में जल्द ही कमाई का मौका बनने जा रहा है। दरअसल, दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कंपनी अपनी दो सब्सिडियरीज की शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने जा रही है। इसके लिए शेयर मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जल्दी ही प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया जाएगा। किसी भी कंपनी के पब्लिक ऑफर से पहले सेबी के पास डीआरएचपी जमा कराना होता है
कोल इंडिया की कौन सी सब्सिडियरीज लिस्ट होंगी?
कोल इंडिया की दो सब्सिडियरी, भारत कोकिंग कोड लिमिटेड (BCCL IPO) और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (CMPDI SEBI filing) को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। कोल इंडिया के डायरेक्टर (बिजनेस डेवलपमेंट) देबाशीष नंदा ने बताया कि हम जल्दी ही डीआरएचपी फाइल करने जा रहे हैं, उस पर काम चल रहा है। आईपीओ कब लाया जाए, यह बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
कोल इंडिया क्रिटिकल मिनरल के क्षेत्र में भी
कोल इंडिया की सात कोयला उत्पादन करने वाली सब्सिडियरी कंपनियां हैं। इनके अलावा एक सब्सिडियरी टेक्निकल कंसल्टेंसी के लिए है। भारत में 80% कोयला उत्पादन कोल इंडिया की सब्सिडियरी कंपनियां ही करती हैं। देबाशीष नंदा ने बताया कि कोल इंडिया भारत के अलावा दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में क्रिटिकल मिनरल के खनन पर काम कर रही है। इसके अलावा कोल गैसीफिकेशन के तीन प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है।
नंदा के अनुसार कोल इंडिया ओडिशा में 1600 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। इस पर लगभग 16,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। इसी तरह का प्रोजेक्ट डीवीसी के साथ भी चल रहा है। करीब 17,000 करोड़ रुपये लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए कोल इंडिया और डीवीसी में 50:50 मालिकाना का ज्वाइंट वेंचर तय हुआ है।
87.5 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य
कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में में 9,604 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ। इस दौरान इसका रेवेन्यू 41761.76 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष में इसने 78.11 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया। मौजूदा वित्त वर्ष, 2025-26 में इसका 87.5 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है।
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