कुछ अवैध बोरवेल पर पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है, जबकि कई के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
दक्षिण-पश्चिम व उत्तर-पश्चिमी जिला प्रशासन ने बीते कुछ महीनों में 12 हजार से अधिक अवैध बोरवेल सील किए गए हैं। यही नहीं, कुछ अवैध बोरवेल पर पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है, जबकि कई के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
यह जानकारी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को रिपोर्ट के जरिए दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण-पश्चिम इलाके में जहां कुल 6,926 अवैध बोरवेल में से 5,886 को सील किया। वहीं, उत्तर-पश्चिम इलाके में कुल 9,128 अवैध बारवेल में से 2,644 बाेरवेल सील किए गए। वहीं, पूर्वी दिल्ली में कुल 1,47 अवैध बाेरवेल में से 128 को सील किया गया।
जिला प्रशासन की तरफ से 23 मार्च 2025 को एनजीटी की तरफ से सीलिंग की कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के आदेश के तहत दाखिल की गई है। एनजीटी ने कहा था, ऐसे में जबकि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने बाेरवेल की पहचान अवैध के रूप में कर चुकी है। लेेकिन, अब भी सील करने की कार्रवाई पूरी नहीं हुई।
ऐसे में जिला प्रशासन बोरवेल के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट पेश करें। दक्षिण-पश्चिम जिला प्रशासन ने अपनी रिपाेर्ट में यह भी बताया कि डीजेबी की तरफ से दी गई सूची के अनुसार नजफगढ़ व द्वारका में 526 स्थानों पर अवैध बोरवेल होने की पहचान की गई थी, लेकिन मौके पर टीम को कोई बोरवेल नहीं मिले।
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