भारतीय आम देश ही नहीं दुनियाभर में पसंद किए जाते हैं। महाराष्ट्र में होने वाला अल्फांसो आम (Alphonso Mango) पूरी दुनिया में भारतीय आमों का पोस्टर बॉय रहा है। वजह, ये दशकों से सबसे ज्यादा निर्यात किया जाने वाले आम था। हालांकि, अब आम की एक गुजराती वैरायटी ने अल्फांसो को पीछे छोड़ दिया है।
निर्यात के मामले में अल्फांसाे को पीछे छोड़ने वाला आम केसर (Kesar Mango) है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से 8.56 मिलियन डॉलर मूल्य के अल्फांसो आम का निर्यात हुआ। इसकी तुलना में केसर आम का निर्यात 11.48 मिलियन डॉलर रहा। तीन साल पहले तक यह तस्वीर बिल्कुल विपरीत थी।
कहां-कहां होता है भारतीय आमों का निर्यात?
भारत से आमों का निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कनाडा, जर्मनी, कुवैत, ओमान, यमन और नीदरलैंड आदि देशों को होता है।
वित्त वर्ष 2022 में 10.12 मिलियन डॉलर मूल्य के अल्फांसो आम का निर्यात हुआ था, जबकि केसर का निर्यात 6.93 मिलियन डॉलर का था। ये आंकड़े साफ-साफ बता रहे हैं कि अल्फांसो की जगह अब आयातक केसर को पसंद कर रहे हैं। ट्रेडर्स की मानें तो केसर ही नहीं, भारत से दशहरी, चौसा, तोतापरी आदि आमों की भी बिक्री बढ़ रही है।
दरअसल, कुछ साल पहले तक भारत से सिर्फ अल्फांसो आम के निर्यात की ही अनुमति थी। निर्यात के लिए आवश्यक मानकों का पालन न करने की वजह से अन्य वैरायटी के आम निर्यात नहीं हो पाते थे। लेकिन हाल के वर्षों में इन मानकों को अपनाने के बाद अन्य आमों को भी निर्यात की मंजूरी मिल गई।
केसर, दशहरी, चौसा, तोतापरी आदि आमों के भाव अल्फांसो की तुलना में काफी कम होते हैं। इसलिए अब जब इनका भी निर्यात होने लगा है तो आयातक इन आमों को ज्यादा तवज्जाे दे रहे हैं।
भारत में आम उगाने वाले प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल हैं।भारत दुनिया के 40% आमों का उत्पादन करता है, जो किसी भी देश से सबसे ज़्यादा है। हालांकि, इसमें से ज्यादातर आमों की खपत देश में ही हो जाती है।
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