लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में नए 50 बेड वाले एकीकृत आयुष अस्पताल स्थापित किए जाएंगे, जबकि आकांक्षी जिलों में 32 सरकारी आयुष औषधालयों का निर्माण किया जायेगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में नेशनल आयुष मिशन उत्तर प्रदेश की 11वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 100 जिला अस्पतालों में को-लोकेटेड आयुष फैसिलिटी स्थापित की जाएंगी।
आयुष सेवाओं के लिए इतने लाख रुपये की मंजूरी
जानकारी के मुताबिक, इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में छह पंचकर्मा और योग केंद्र होंगे स्थापित होंगे। बैठक में आयुष सेवाओं के लिए 51970.27 लाख रुपये, आयुष शिक्षा संस्थानों के लिए 8617.10 लाख रुपये, फ्लैक्सी पूल के लिए 3092.43 लाख रुपये और व्यवस्थापन लागत के लिए 1501.40 लाख रुपये सहित कुल 65181.20 लाख रुपये की राज्य वार्षिक कार्ययोजना 2025-26 को मंजूरी प्रदान की गई।
इन जिलों में बनेंगे आयुष अस्पताल
बुलंदशहर, फतेहपुर, उन्नाव और हरदोई में 04 पचास बेड वाले एकीकृत आयुष अस्पतालों के लिए प्रति अस्पताल 150 लाख रुपये की आवर्ती सहायता प्रदान की जाएगी। बहराइच, आजमगढ़ और मिर्जापुर में तीन नए तीस बेड वाले एकीकृत आयुष अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए 1050 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
लखनऊ के स्टेट यूनानी और होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज तथा गोरखपुर के आयुष विश्वविद्यालय में ई-संजीवनी के तहत टेलीमेडिसिन हब स्थापित किए जाएंगे। बैठक में प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार, मिशन निदेशक नेशनल आयुष मिशन सुश्री निशा, मिशन निदेशक एनएचएम डॉ पिंकी जोवेल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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