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बिजली दामों में बढ़ोतरी पर विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार्य होने पर महंत ने जताया आभार

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मामसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को रजत जयंती वर्ष में इतिहास दर्ज हो गया। बिजली दामों में वृद्धि पर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव लाया था। इस प्रस्ताव को आसंदी ने अस्वीकार्य कर दिया। बड़ी बात ये है कि प्रस्ताव अस्वीकार्य होने पर विपक्ष ने हंगामा नहीं किया। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ओर से विषय को गंभीरता से लेने पर आभार जताया। इस पर सत्तापक्ष ने मेजें थपथपाकर सहमति जताई। छत्तीसगढ़ विधानसभा और अन्य संसदीय केंद्रों के इतिहास में शायद यह पहला अवसर है जब स्थगन प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष ने ऑन रिकॉर्ड सीएम को धन्यवाद दिया है।

नेता प्रतिपक्ष महंत ने मुख्यमंत्री साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने काम करने की बात कही है। उन बातों से हमें लगा कि वह ध्यान दे रहे हैं। हमें लगा कि उन्होंने इसको सीरियस माना है, इसलिए हमने उन्हें धन्यवाद दिया। नेता-प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने शून्यकाल में बिजली दर में वृद्धि का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिजली दर में वृद्धि से पूरा छत्तीसगढ़ परेशान है। गरीबों को बिजली दर में वृद्धि से आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है। विपक्ष ने जो स्थगन दिया है, उस पर चर्चा होनी चाहिए।

इस मामले में सीएम विष्णुदेव साय ने सदन में कहा कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग की ओर से वर्ष 2025-26 के लिये घोषित बिजली टैरिफ में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है। यह निर्णय जनसुनवाई की प्रक्रिया के बाद पारदर्शी ढंग से लिया गया है और इसे घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों तक ने सराहा है।

किसानों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है -जिसका सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े। सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा कर रही है।

उद्योगों को बढ़ावा- स्टील इंडस्ट्री की दरों में कटौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने हेतु मिनी स्टील, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों की दरों में कटौती की है। यह निर्णय उद्योगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बेहतर आपूर्ति और घटती हानियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे/दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे/दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। विशेष रूप से कृषि फीडरों में 18 घंटे प्रतिदिन की आपूर्ति दी जा रही है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक आंकड़ों में शामिल है। तकनीकी और वाणिज्यिक हानि को 2020-21 में 23.14% से घटाकर 2024-25 में 13.79% किया गया है। यह उपलब्धि दक्ष संचालन, पारदर्शी व्यवस्था और तकनीकी सुधारों का प्रमाण है।

कोरबा में 1320 मेगावॉट का नया प्लांट
वर्तमान टैरिफ में केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान का भी समावेश है जिसके अंतर्गत ट्रांसमिशन कंपनी के लिए ₹2433 करोड़, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए ₹3977 करोड़ और जनरेशन कंपनी के लिए ₹2992 करोड़ का प्रावधान है। कोरबा में 1320 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, जिसकी लागत ₹15,800 करोड़ है। इससे छत्तीसगढ़ भविष्य में ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

सौर ऊर्जा की ओर एक कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹78,000 तक केंद्र सरकार से अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹30,000 तक राज्य शासन से अनुदान दिया जाएगा। यह योजना छत्तीसगढ़ के घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।

ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपये के करार, आएगी रोजगार क्रांति
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पॉवर कंपनी/शासन द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के करार किए गए हैं, जिससे आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन और रोजगार दोनों के क्षेत्र में क्रांति आएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी प्राथमिकता है कि बिजली उपभोक्ताओं को न केवल निर्बाध आपूर्ति मिले, बल्कि वह गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और टिकाऊ हो। वर्तमान और भावी योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक स्थापित करेगा।