अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टैरिफ (Donald Trump Tariff) के बहाने उन देशों पर अपनी खुन्नस निकाल रहे हैं जो रूस से तेल खरीद रहे हैं और डिफेंस डील कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह ऐसे देशों पर 500% तक टैरिफ लगाएगा। इसके बाद चीन ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में चीन के अधिकारी गेंग शुआंग ने यूक्रेन को हथियार आपूर्ति के मुद्दे पर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में चीन के खिलाफ अमेरिकी प्रतिनिधि द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया। इस दौरान चीन के प्रतिनिधि ने कहा, “अमेरिका आज भी रूस के साथ व्यापार कर रहा है। अमेरिका के लिए ऐसा करना ठीक है, फिर दूसरों के साथ ऐसा क्यों?”
ब्लैकमेलिंग और ब्लेमगेम बंद करे अमेरिका
चीन ने कहा, “हम एक बार फिर अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह ब्लेमगेम का खेल खेलना और दूसरों को बलि का बकरा बनाना बंद करे।” चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बीजिंग ने अमेरिकी प्रशासन के साथ टिकाऊ टैरिफ समझौते पर पहुंचने के लिए 12 अगस्त की समय सीमा तय की है।
इससे पहले मई और जून में बीजिंग और वाशिंगटन ने बढ़ते टैरिफ और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति में कटौती को समाप्त करने के लिए प्रारंभिक समझौते किए थे।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, और यह खुलकर कहा है कि भारत रूस से तेल और हथियार खरीदता है। अब यूएस और इंडिया के बीच सबकुछ अच्छा नहीं है। इतना ही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकोनॉमी’ भी कहा। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप दबाव की राजनीति के जरिए अपनी बातें मनवाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले भी कई देश टैरिफ को डोनाल्ड ट्रंप की मनमानी करार दे चुके हैं।
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