सरकार की ओर से गरीब लोगों को सस्ते दाम में या फ्री में राशन मुहैया करवाने के लिए राशन कार्ड जारी किए जाते हैं. राशन कार्ड की मदद से गरीब लोगों को काफी फायदा मिलता है. हर राज्य सरकार की ओर से अपने राज्य में मौजूद परिवार के लोगों के लिए राशन कार्ड जारी किया जाता है. वहीं अब राशन कार्ड को लेकर केंद्र सरकार की ओर से नई सुविधा की शुरुआत की गई है. इसका फायदा करोड़ों लोगों को मिलने वाला है. दरअसल, केंद्र सरकार ने 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड जारी करने के लिए एक साझा रजिस्ट्रेशन सुविधा की शुरुआत की है.
अधिकतम कवरेज
इस पंजीकरण का उद्देश्य बेघर लोगों, निराश्रितों, प्रवासियों और अन्य पात्र लाभार्थियों को राशन कार्ड के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाना है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) लगभग 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए अधिकतम कवरेज प्रदान करता है. वर्तमान में इस अधिनियम के तहत लगभग 79.77 करोड़ लोगों को अत्यधिक रियायत आधार पर खाद्यान्न दिया जाता है. इस हिसाब से 1.58 करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जा सकता है.
कई कारणों से रद्द हुए Ration Card
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, ‘सामान्य पंजीकरण सुविधा’ (माई राशन-माई राइट) का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पात्र लाभार्थियों की शीघ्र पहचान करना है. साथ ही इस तरह के लोगों की राशन कार्ड जारी करने में मदद करना है, ताकि वे एनएफएसए के तहत पात्रता का लाभ उठा सकें. उन्होंने बताया कि पिछले सात से आठ वर्षों में अनुमानित 18 से 19 करोड़ लाभार्थियों से जुड़े लगभग 4.7 करोड़ राशन कार्ड विभिन्न कारणों से रद्द कर दिए गए हैं.
ये हैं 11 राज्य
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जरिए पात्र लाभार्थियों को नियमित आधार पर नए कार्ड भी जारी किए जाते हैं. सचिव ने बताया कि शुरुआत में वेब आधारित नई सुविधा 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट आधार पर उपलब्ध होगी. इस महीने के अंत तक सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुरू कर दिया जाएगा. सचिव के अनुसार, इन 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश असम, गोवा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, पंजाब और उत्तराखंड शामिल हैं.
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