बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा बाधित हो रही है। तीसरे दिन भी मुनकटिया में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा। कार्यदायी संस्था के जेसीबी व डोजर मलबा साफ करने में जुटे हैंँ।
मुनकटिया के समीप रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा। एनएच और कार्यदायी संस्था दो जेसीबी व एक डोजर से दोतरफा मलबा साफ करने में जुटी है। यहां जमा टनों मलबा व बोल्डरों के साथ ही पहाड़ी से कई बार रुक-रुककर गिर रहे पत्थरों से कार्य में दिक्कत हो रही है। एनएच के अधिकारियों ने रात्रि तक हाईवे खुलने की उम्मीद जताई है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने मौके का निरीक्षण करते हुए कार्मिकों का हौंसला बढ़ाया।
बीते मंगलवार शाम करीब छह बजे राजमार्ग मुनकटिया के समीप भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया था। इसी रात को भारी बारिश से भूस्खलन का दायरा बढ़ गया था, जिससे हाईवे का काफी बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। साथ ही ऊपरी तरफ सोनप्रयाग-गौरीकुंड पैदल मार्ग का एक हिस्सा टूट गया था। टनों मलबा व बोल्डर जमा होने से हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया था, तब से एनएच और कार्यदायी संस्था द्वारा मलबा साफ करने का काम किया जा रहा है।
केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को सोनप्रयाग भेजा जा रहा
दूसरी तरफ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस द्वारा अस्थायी पगडंडी बनाकर जंगल के रास्ते केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को सोनप्रयाग भेजा जा रहा है। वहीं सोनप्रयाग से जा रहे स्थानीय लोगों को गौरीकुंड भेजा जा रहा है।
राजमार्ग के बंद होने से पिछले तीन दिन से यात्रा बंद पड़ी है। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने रुद्रप्रयाग से मुनकटिया तक राजमार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एनएच और कार्यदायी संस्था के अधिकारी-कर्मचारियों से बातचीत करते हुए उनका हौंसला बढ़ाया। उन्होंने कार्मिकों को स्वयं की सुरक्षा के साथ कार्य करने को कहा।
राजमार्ग के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडे ने बताया कि पिछले तीन दिन से सुबह से देर रात्रि तक जेसीबी व डोजर से मलबा सफाई का कार्य किया जा रहा है। आए दिन बार-बार होती बारिश से भूस्खलन जोन से पत्थर व मलबा गिर रहा है, जिससे दिक्कत हो रही है। मौसम के ठीक रहने की स्थिति में देर रात्रि तक हाईवे को खोल दिया जाएगा।
सोनप्रयाग कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि हाईवे अवरुद्ध होने से केदारनाथ यात्रा को बंद किया गया है। सोनप्रयाग में गिनती के यात्री हैं, जिनके यहां कमरे बुक हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों की मदद से सोनप्रयाग से सिर्फ स्थानीय लोगों को ही अस्थायी रास्ते से गौरीकुंड भेजा जा रहा है। साथ ही केदारनाथ से वापस लौट रहे यात्री सोनप्रयाग लाए जा रहे हैं।
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