
नई दिल्ली, 11 अगस्त।बिहार में विशेष समरी संशोधन (SIR) और 2024 लोकसभा चुनाव में कथित “मतदाता अनियमितताओं” के विरोध में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने ‘मेगा ब्लॉक‘ का आह्वान किया। इस विरोध के तहत विपक्षी सांसदों ने संसद से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च की योजना बनाई, जिसे पुलिस ने अवरुद्ध कर दिया।
इस दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को पार करते हुए प्रदर्शन में सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि “विपक्ष को दबाने के लिए पुलिस का दुरुपयोग हो रहा है।” अखिलेश यादव धरने पर बैठे अन्य नेताओं के साथ जुड़ गए।
पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारी सांसदों को मार्च के दौरान हिरासत में ले लिया, जिन्हें लगभग दो घंटे बाद रिहा कर दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची में संशोधन और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ आयोजित किया गया था।
हिरासत में लिए गए नेताओं में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत और टीएमसी सांसद सागरिका घोष समेत 30 से अधिक सांसद शामिल थे। इन्हें संसद मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया।
चुनाव आयोग ने केवल 30 सांसदों को परिसर में प्रवेश की अनुमति दी थी। अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की संख्या इससे कहीं अधिक थी और किसी ने औपचारिक रूप से आयोग से अनुमति नहीं ली थी।
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