
नई दिल्ली 23 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आर्थिक सुधार न केवल सरकार की आस्था है, बल्कि देश की आवश्यकता भी हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति देने की क्षमता रखता है।
श्री मोदी ने शनिवार शाम एक मीडिया हाउस के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से वादा किया था कि दिवाली तक GST सुधार लागू करेंगे। बीते एक दशक में जो सुधार और योजनाएं लागू की गईं, उसी का परिणाम है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था एक मजबूत धरातल पर खड़ी है।”
उन्होंने बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत का वैश्विक वृद्धि में योगदान जल्द ही 20% तक पहुंचने वाला है।
वृहद आर्थिक संकेतकों पर श्री मोदी ने बताया:
- राजकोषीय घाटा: 4.4% के करीब
- मुद्रास्फीति: 2017 के बाद से न्यूनतम
- ब्याज दरें: ऐतिहासिक रूप से कम
- विदेशी मुद्रा भंडार: रिकॉर्ड स्तर पर
- बैंकिंग सेक्टर: पहले से ज्यादा मजबूत
- एसआईपी निवेश: हर महीने हजारों करोड़ का निवेश
उन्होंने कहा कि हाल के ईपीएफओ आंकड़ों के अनुसार जून में संगठित क्षेत्र में 22 लाख नई नौकरियां जुड़ीं,यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
अन्य उपलब्धियां भी गिनाईं:
- सोलर पीवी सेल क्षमता: 100 गीगावॉट
- दिल्ली एयरपोर्ट की यात्री क्षमता: 10 करोड़ प्रति वर्ष — दुनिया के टॉप-6 एयरपोर्ट्स में शामिल
- एसएंडपी द्वारा भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार — दो दशकों में पहली बार
प्रधानमंत्री ने कहा,“भारत किनारे खड़े होकर देखने वाला देश नहीं है, हम समय की धारा को मोड़ने का सामर्थ्य रखते हैं। भारत अब दुनिया को आर्थिक मंदी से बाहर निकालने में सक्षम है।”
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