यमुनोत्री हाईवे पर एक बार फिर खतरा बढ़ गया है। बीते शनिवार की रात हुई भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई पेड़ बहकर हाईवे के पुल पर अटक गए। इसके चलते नदी का पानी पुल के ऊपर से बहने लगा और स्यानाचट्टी में स्थित होटलों और आवासीय क्षेत्रों में घुस गया जिससे लोगों में दहशत फैल गई। वहीं यहां बनी झील का जलस्तर बढ़ने से पानी होटलों की दूसरी मंजिल तक पहुंच गया।
यह तीसरी बार है जब स्यानाचट्टी में झील जैसी स्थिति बनी है और इसका खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि सिंचाई विभाग की तीन मशीनें कुपड़ाखड्ड के मलबे को हटाकर जलस्तर को सामान्य करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन लगातार बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। एनएच विभाग की मशीनें भी पुल पर फंसे पेड़ों और मलबे को हटाकर पानी का बहाव सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं पर खतरा अभी भी बना हुआ है।
पूर्व विधायक ने उठाए सवाल
इस समस्या पर पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। उनके अनुसार अगर झील के निर्माण के दौरान सही और तकनीकी कदम उठाए गए होते तो यह समस्या पैदा नहीं होती। उन्होंने यह भी मांग की कि स्यानाचट्टी के दोनों ओर बहने वाले खड्डों पर सुरक्षात्मक कार्य किए जाएं और वरुणावत की तर्ज पर पहाड़ियों पर ट्रीटमेंट उपचार किया जाए।
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