हाल ही में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की “कॉजेस ऑफ डेथ 2021-2023” रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि देश में होने वाली हर तीन मौतों में से एक का कारण हार्ट डिजीज यानी दिल की बीमारी है। यह आंकड़ा केवल एक डाटा नहीं, बल्कि एक बड़ी चेतावनी है जो हमारे लाइफस्टाइल से जुड़ी चॉइसेज पर सवाल खड़े करती है।
हार्ट डिजीजों का यह प्रकोप अचानक नहीं हुआ है। यह हमारी रोजमर्री की जिंदगी में शामिल हो चुकी कुछ अनहेल्दी आदतों का नतीजा है। स्ट्रेस, फिजिकली एक्टिव न रहना, प्रोसेस्ड और ऑयली खाने की ज्यादा मात्रा, स्मोकिंग, शराब और नींद की कमी जैसे फैक्टर्स ने मिलकर इस स्थिति को जन्म दिया है।
लेकिन अच्छी बात यह है कि दिल की बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। अपनी लाइफस्टाइल में कुछ सुधार करके हम अपने दिल को स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं। आइए जानते हैं इन 5 जरूरी बदलावों के बारे में।
डाइट में सुधार
सबसे पहला और सबसे जरूरी कदम है अपने खान-पान पर ध्यान देना। अपनी डाइट में ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और ड्राई फ्रूट्स शामिल करें। नमक, चीनी, रिफाइंड तेल, प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड, और जंक फूड की मात्रा बिल्कुल सीमित करें। बैलेंस्ड और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती है, जो हार्ट डिजीज के अहम कारण हैं।
नियमित फिजिकल एक्टिविटी
फिजिकल इनएक्टिविटी दिल के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक है। हफ्ते में कम से कम 5 दिन 30-45 मिनट की मॉडिरेट इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज जरूरी है। ब्रिस्क वॉक, दौड़ना, साइकिल चलाना, स्विमिंग या योग दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, वजन कंट्रोल करते हैं और तनाव कम करते हैं।
स्ट्रेस मैनेजमेंट
लगातार तनाव में रहना हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए, स्ट्रेस को मैनेज करना सीखें। मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, अपनी हॉबीज को समय देना और परिवार व दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना तनाव कम करने के शानदार तरीके हैं।
वजन मैनेज करें और नशे से दूरी
मोटापा दिल की बीमारी के अहम रिस्क फैक्टर्स में से एक है। हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज से अपने वजन को कंट्रोल करें। इसके साथ ही, स्मोकिंग और शराब भी दिल पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इनसे पूरी तरह से दूरी बनाना ही आपके दिल के लिए अच्छा है।
नियमित हेल्थ चेकअप
अक्सर हार्ट डिजीज लंबे समय तक कोई लक्षण नहीं दिखाते। इसलिए, 30 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से अपना हेल्थ चेकअप करवाएं। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर की जांच करवाना जरूरी है। शुरुआती पहचान और इलाज गंभीर समस्याओं को रोक सकता।