प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ जहां छोटे और गरीब किसानों तक पहुंचना चाहिए था, वहीं बदायूं जिले में इसका गड़बड़झाला उजागर हुआ है। आयकरदाता, कार मालिक और यहां तक कि सरकारी कर्मचारी भी इस योजना से पैसा उठा रहे थे।
कृषि विभाग की जांच में यह खुलासा होते ही जिले के 10,584 लाभार्थी खातों पर रोक लगा दी गई है। ऐसे कई लोगों से विभाग वसूली भी कर चुका है। सभी अपात्रों से वसूली करने का काम चल रहा है।
कृषि विभाग के अनुसार, अब तक की जांच में 5800 खाते खंगाले जा चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले पति-पत्नी के अलग-अलग खाते चलाकर दोहरी किस्त लेने के मिले हैं। वहीं, कुछ मामलों में मां-बेटा और देवर-भाभी के आधार कार्ड आपस में मैच कर रहे हैं। विभाग का कहना है कि जिन अपात्रों ने योजना का लाभ लिया है, उनसे हर हाल में रिकवरी की जाएगी।
अपात्रों की लंबी लिस्ट तैयार
जांच में सामने आया है कि जिन लोगों के पास कार है, जो आयकर भरते हैं या सरकारी नौकरी कर रहे हैं, वे भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी बने हुए थे। विभाग अब इनकी सूची बनाकर एक-एक रुपये की वसूली करने में जुट गया है।
जिले के किसानों में हलचल
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। जिले में 4.53 लाख किसान इस योजना में पंजीकृत हैं। कृषि विभाग की माने तो यह जांच अभी जारी है और जैसे-जैसे खातों की पड़ताल होगी, अपात्र लाभार्थियों के नाम और भी सामने आ सकते हैं।
फार्मर रजिस्ट्री न कराई तो रुकेगी 21वीं किश्त
उप कृषि निदेशक मनोज कुमार ने कहा है कि किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले किसान अपनी फार्मर रजिस्ट्री जरूर करवा लें। किसान अपने नजदीकी जनसेवा केंद्रों पर जाकर यह काम करवा सकते है। जिन किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई तो उनको सम्मान निधि की 21 वीं किश्त का लाभ नहीं मिल सकेगा। ऐसे में किसान यह काम अवश्य करवा लें।
बदायूं के उप निदेशक कृषि मनोज कुमार ने बताया कि किसान सम्मान निधि में जो अपात्र मिले है उनसे रिकवरी कराई जा रही है। जांच में कई ऐसे नाम सामने आए जिनमें आयकर दाता व सरकारी कर्मचारी भी शामिल रहे है। ऐसे लोगों के खातों पर रोक लगाने के साथ नियमानुसार कार्रवाई की गई है।
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