शेयर बाजार के लिए गिरावट का सिलसिला जारी है। गुरुवार को भी यही स्थिति जारी रही। दिन के शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 141.32 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 81,574 पर आ गया। वहीं, निफ्टी 22.4 अंक गिरकर 25,034 तक पहुंच गया।
विदेशी पूंजी निकासी और अमेरिका में एच-1बी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि की चिंता के कारण बुधवार को बेंचमार्क शेयर सूचकांक सेंसेक्स 386.47 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,715.63 पर बंद हुआ था। वहीं, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 112.60 अंक या 0.45 प्रतिशत गिरकर 25,056.90 पर आ गया था।
सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों में टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, टाइटन, एचसीएल टेक, टीसीएस, मारुति और इटरनल प्रमुख गिरावट वाले शेयरों में रहे। वहीं, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, अदाणी पोर्ट्स और इन्फोसिस लाभ में रहे।
लगातार गिरावट का सिलसिला
पिछले चार कारोबारी सत्रों में बीएसई का सेंसेक्स 1,298.33 अंक (1.56%) टूटा, जबकि NSE निफ्टी 366.7 अंक (1.44%) नीचे आया। बुधवार को ही FIIs ने 2,425.75 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
इसे लेकर मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (रिसर्च) प्रशांत टेप्से ने कहा, “ट्रंप के भारी टैरिफ और नए एक लाख डॉलर के एच-1बी वीजा शुल्क से बाजार की धारणा पर दबाव है। निफ्टी को 25,300 पर मजबूत रेजिस्टेंस मिल रहा है।”
दूसरी तरफ जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ़ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, “इस साल बाजार पर सबसे बड़ा दबाव लगातार एफआईआई की बिकवाली से आया है। हालांकि, भारत में चल रहे सुधार और कम ब्याज दरें आर्थिक व कॉरपोरेट आय में वृद्धि को गति दे सकते हैं। इससे एफआईआई की वापसी संभव है।”
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