
जगदलपुर, 4 अक्टूबर।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने फिर दोहराया हैं कि आगामी 31 मार्च तक बस्तर नक्सलमुक्त हो जायेगा।
श्री शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने माँ दंतेश्वरी से प्रार्थना की है कि हमारे सुरक्षा बलों को शक्ति दें ताकि 31 मार्च 26 तक बस्तर क्षेत्र को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त किया जा सके।उन्होंने कहा कि नक्सलवाद विकास की लड़ाई नहीं है, बल्कि विकास में सबसे बड़ी बाधा है। दिल्ली के कुछ लोग वर्षों तक इस भ्रांति को फैलाते रहे कि नक्सलवाद विकास का प्रतीक है, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इससे पहले श्री शाह ने माँ दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया।
बस्तर दशहरा – विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक पर्व
श्री अमित शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा उत्सव है। उन्होंने कहा कि यह केवल बस्तर या छत्तीसगढ़ की नहीं, बल्कि पूरे भारत और विश्व की सांस्कृतिक धरोहर है।
सरेंडर नीति को मिली सफलता
श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने देश की सबसे बेहतर आत्मसमर्पण नीति बनाई है। पिछले एक महीने में ही 500 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया है। उन्होंने घोषणा की कि जिस गाँव में नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा, वहाँ 1 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए दिए जाएंगे।
बस्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए केन्द्र की प्रतिबद्धता
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पिछले दस वर्षों में 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की राशि प्रदान की है।उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग, शिक्षा संस्थान, स्वास्थ्य सेवाएँ और लघु उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं।
स्वदेशी अभियान को नई गति
गृह मंत्री ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित मेला और स्वदेशी वॉकथॉन का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक भारतीय स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करे।उन्होंने कहा कि यदि 140 करोड़ भारतीय यह संकल्प ले लें, तो भारत विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति बन जाएगा।
जीएसटी में राहत और माताओं के लिए ‘महतारी वंदन योजना’
श्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने हाल ही में 395 वस्तुओं पर जीएसटी में भारी छूट दी है, जिससे माताओं-बहनों को बड़ी राहत मिली है।बस्तर दशहरा के अवसर पर ‘महतारी वंदन योजना’ की 20वीं किस्त के रूप में 70 लाख माताओं को 607 करोड़ रुपए वितरित किए गए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना की शुरुआत की गई, जो बस्तर और सरगुजा संभाग के 250 गाँवों को जोड़ेगी।
आदिवासी गौरव और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासी समाज के सम्मान में अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए हैं —
- देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का चयन,
- भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना,
- और नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए 15,000 से अधिक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करना।
उन्होंने कहा कि मुरिया दरबार की जनसंवाद और न्यायिक परंपरा पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।
बस्तर की संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान
श्री शाह ने कहा कि इस वर्ष के बस्तर ओलंपिक में देशभर के आदिवासी भाग लेंगे।
बस्तर का पंडुम उत्सव, खान-पान, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्र अब विश्व स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है कि हमारी संस्कृति, भाषा और परंपराएँ सदियों तक संरक्षित रहें।