भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं संबंधों को और मजबूती देने की ओर अग्रसर हैं। हिंद महासागर में आठ दिवसीय बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया गया है। एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स विमानवाहक पोत के नेतृत्व में ब्रिटेन के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) को कोंकण अभ्यास के लिए तैनात किया गया है।
भारतीय नौसेना ने कहा कि यह अभ्यास सुरक्षित और नौवहन स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और भारत-ब्रिटेन विजन 2035 में उल्लिखित व्यापक रणनीतिक साझेदारी का उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
क्या है इस अभ्यास का उद्देश्य?
अभ्यास का उद्देश्य ब्रिटेन और भारतीय नौसेनाओं के बीच संयुक्त समुद्री और हवाई क्षमताओं को बढ़ाना भी है। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून ने कहा, ”ब्रिटेन और भारत एक ऐसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास करते हैं जो स्वतंत्र और खुला हो। हम एक आधुनिक रक्षा और सुरक्षा साझेदारी की महत्वाकांक्षा रखते हैं, जो ब्रिटेन-भारत विजन 2035 का एक मूलभूत स्तंभ है, जिस पर इस वर्ष हमारे प्रधानमंत्रियों ने सहमति व्यक्त की है।”
ब्रिटिश उच्चायुक्त ने और क्या कहा?
उन्होंने कहा, ”हमारे दोनों नौसेनाओं के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स के बीच की गतिविधियां इस क्षेत्र में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं तथा भविष्य के सहयोग के लिए आधार तैयार करती हैं।
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