छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक के आवंटन को लेकर ग्रामीणों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल की कंपनी रुंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड को यह कोल ब्लॉक कमर्शियल माइनिंग के लिए दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस परियोजना से 725 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा और बड़े पैमाने पर घने जंगलों की कटाई होगी।
ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर परियोजना को रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि खदान से विस्थापन, प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ेंगी। कोयला खदानों से निकलने वाले प्रदूषकों के कारण पहले से ही ग्रामीण श्वसन जैसी बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
ग्रामवासी दीनानाथ आयाम ने बताया कि रुंगटा कंपनी की ओर से खोली जा रही ओपन कास्ट खदान से जंगल समाप्त हो जाएंगे और हाथियों सहित वन्य जीवों पर भी असर पड़ेगा। वहीं ग्रामीण मेहताराम का कहना है कि लाखों पेड़ों की कटाई से जंगल खत्म होगा, हमारी जमीन भी जाएगी। ऐसे में हम जाएं तो कहां जाएं। ग्रामीणों का आरोप है कि वे 2018 से वनाधिकार पट्टा की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें हक नहीं मिला। उल्टा कंपनी को पेड़ काटने की अनुमति दे दी गई। उनका कहना है कि उन्हें जमीन के बदले न उचित मुआवजा मिल रहा है और न ही रोजगार की गारंटी दी जा रही है।
पसान तहसीलदार नवीन देवांगन ने बताया कि ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध किया है। ग्रामीणों की आपत्ति है कि परियोजना से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होगा बल्कि बाहरी लोगों का आवागमन और शोषण भी बढ़ सकता है। आधा दर्जन से अधिक गाँव के लोग इस आंदोलन में शामिल हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।