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भूटान में सुबह-सुबह भूकंप से हिली धरती

भूटान में गुरुवार सुबह 3.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने बताया कि यह झटका सुबह 4 बजकर 29 मिनट पर आया था। भूकंप की गहराई सिर्फ 5 किलोमीटर थी, जिससे आफ्टरशॉक की संभावना बनी हुई है।

यह इस साल भूटान में आया पहला भूकंप नहीं है। इससे पहले 8 सितंबर 2025 को भी भूटान में दो भूकंप आए थे। पहला भूकंप 2.8 तीव्रता का था, जो दोपहर 12.49 बजे दर्ज किया गया था। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। दूसरा भूकंप 4.2 तीव्रता का था, जो 11.15 बजे आया था। दोनों ही झटके भूटान के अलग-अलग इलाकों में महसूस किए गए थे।

भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, ऊपरी सतह के भूकंप अधिक खतरनाक माने जाते हैं, क्योंकि इनके झटके जमीन तक जल्दी और ज्यादा तीव्रता से पहुंचते हैं जिससे नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।

भूटान भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र

भूटान हिमालयी पर्वत श्रृंखला में स्थित है, जो दुनिया के सबसे भूकंप-संवेदनशील इलाकों में से एक है। एशियन डिजास्टर रिडक्शन सेंटर (ADRC) के अनुसार, भूटान भारतीय भूकंपीय जोन IV और V में आता है, जो सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र हैं। भूतपूर्व भूकंपों से यह साबित हुआ है कि भूटान में भूकंप सबसे बड़ा प्राकृतिक खतरा बना हुआ है।

भूटान में अन्य खतरों का है डर

भूटान में केवल भूकंप ही नहीं, बल्कि कई अन्य प्राकृतिक आपदाएं भी बड़ी चुनौती हैं। ग्लेशियर झील फटने, भूस्खलन, तेज हवाएं, फ्लैश फ्लड और जंगल की आग यहां अक्सर नुकसान पहुंचाते हैं। 2011 और 2013 में आई तेज हवाओं ने हजारों ग्रामीण घरों को नुकसान पहुंचाया था।