रायपुर 15 अप्रैल।लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को धनबल से रिझाने को लेकर चुनाव आयोग निगरानी रख रही है। इसके लिए एक लाख रूपए से अधिक हर संदिग्ध लेन-देन की जानकारी आयोग ने सभी बैंकों से मांगी है।
निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षकों ने इस संबंध में सोमवार को जिला कलेक्टोरेट स्थित रेडक्रास भवन में जिले के 66 बैंकों के अधिकारियों की बैठक ली।व्यय प्रेक्षक द्वय श्री कुमार अजीत और श्री जाधवर विवेकानंद राजेंद्र ने बैंक अधिकारियों से कहा कि वे दो तरह से मानिटरिंग करें। पहला एक लाख से 10 लाख रूपए और दूसरा 10 लाख रूपए से अधिक रकम की लेन-देन का रिकार्ड चेक करें, यदि इन दोनों तरह के लेन-देन में किसी तरह का संदेह होता है तो तत्काल जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष को सूचित करें। इसमें नगद लेन-देन के साथ मनी ट्रांसफर, आरटीजीएस, अकाउंट ट्रांसफर सहित सभी तरह के रिकार्ड की निगरानी की जानी है।
व्यय प्रेक्षक श्री कुमार अजीत ने बैंक अधिकारियों से कहा कि चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से किसी बैंक ने एक भी संदिग्ध लेन-देन की जानकारी नहीं पकड़ी है, सभी अपनी रिपोर्ट निरंक भेज रहे हैं। ऐसा संभव नहीं है कि एक लाख से अधिक लेन-देन नहीं हो रहे हों। इसकी जानकारी प्रतिदिन सुबह भेजी जानी है। यदि बैंक को इसमें कुछ संदिग्ध लगता है तो उसकी तत्काल सूचना देनी है। उन्होंने कहा कि 14 मार्च से आज तक हुए लेन देन की जानकारी शाम तक उपलब्ध कराई जाए तथा मंगलवार सुबह से आगामी 24 अप्रैल में तक रिपोर्ट रोजाना सुबह आयोग को भेजा जाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि ऐसे बैंक खाते जिनमें दो महीने में ही बिना आहरण या निकासी के अचानक लेन देन हो रहा हो। किसी एक बैंक खाते में अचानक आरटीजीएस से रकम डाली जा रही हो। प्रत्याशी या उसके रिश्तेदारों के खाते में कहीं से राशि डाली जा रही हो। किसी राजनीतिक दल के खाते में एक लाख रूपए से अधिक रकम डाली गई हो। अन्य कोई भी संदेह जनक व्यवहार को जांच के दायरे में लिया जाना है। यदि 10 लाख रूपए से अधिक लेनदेन है तो उसकी जानकारी आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को कार्रवाई के लिये भेजी जाए।
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