
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने त्योहारों के मौसम में रेलगाड़ियों में यात्रियों की भारी भीड़ को लेकर केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने सवाल उठाया — “फेल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं। कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें?”
रेल मंत्रालय का दावा बनाम हकीकत
दरअसल, रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक 12,011 विशेष रेल यात्राओं (ट्रेन फेरों) की सूची जारी की थी। मंत्रालय का कहना था कि त्योहारों के दौरान बढ़ती भीड़ को देखते हुए देशभर में औसतन 196 विशेष ट्रेनें प्रतिदिन चलाई जा रही हैं।
18 अक्टूबर को 280 विशेष ट्रेनें संचालित की गईं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या रही, जबकि 8 अक्टूबर को यह आंकड़ा घटकर 166 ट्रेनें रहा।
“त्योहारों की लालसा अब संघर्ष बन चुकी है”
राहुल गांधी ने कुछ रेलगाड़ियों में यात्रियों की भीड़ से जुड़े वीडियो साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर लिखा —
“त्योहारों का महीना है — दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि घर लौटने की लालसा है — मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।”
उन्होंने कहा कि बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना लगभग असंभव है, और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 प्रतिशत तक यात्री सवार हैं — लोग दरवाजों और छतों तक लटके हुए सफर कर रहे हैं।
“राजग की धोखेबाज नीतियों का सबूत”
कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि बिहार में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो लोगों को हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता।
“ये सिर्फ मजबूर यात्री नहीं, बल्कि राजग की धोखेबाज नीतियों और नियत का जीता-जागता सबूत हैं।” — राहुल गांधी
उन्होंने कहा कि यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो, यह किसी सरकार का एहसान नहीं बल्कि हर नागरिक का अधिकार है।
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