
रायपुर, 01 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस के अवसर पर आज रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में ‘शांति शिखर – एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर ब्रह्मकुमारीज संस्था के प्रति अपने गहरे जुड़ाव को याद करते हुए कहा कि यह संस्था आध्यात्मिकता, अनुशासन और सेवा का अद्भुत संगम है। उन्होंने कहा कि बीते कई दशकों से वे इस आंदोलन से जुड़े रहे हैं और संस्था के ‘शब्द कम, सेवा अधिक’ के भाव से प्रेरित रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘शांति शिखर’ की संकल्पना ब्रह्मकुमारीज की वरिष्ठ दादियों – जानकी दादी और हृदय मोहिनी दादी – के विचारों को साकार रूप देती है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में यह संस्थान “विश्व शांति के सार्थक प्रयासों का प्रमुख केंद्र बनेगा।”
श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की सभ्यता और परंपरा में विश्व शांति की अवधारणा निहित है। उन्होंने कहा, “हम वो हैं जो जीव में शिव देखते हैं, स्व से सर्वस्व की यात्रा करते हैं, और हर धार्मिक अनुष्ठान का समापन विश्व कल्याण की भावना से करते हैं।”
पर्यावरण संरक्षण पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज विश्व में प्रकृति संरक्षण की प्रमुख आवाज बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने One Earth, One Family, One Future तथा Mission LiFE जैसे अभियानों के माध्यम से पूरी दुनिया को स्थायी जीवनशैली की दिशा दिखाई है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत किसी भी संकट में विश्व का First Responder बनकर सामने आता है और यही भारत की वैश्विक भूमिका की पहचान है। उन्होंने ब्रह्मकुमारीज संस्था की वैश्विक उपस्थिति की सराहना करते हुए कहा कि, “मैं जहां-जहां गया हूं, वहां ब्रह्मकुमारीज के अनुयायी मुझे अवश्य मिले हैं। यह संस्था विश्वभर में भारतीय आध्यात्मिकता की शक्ति का परिचायक है।”
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने ‘शांति शिखर – एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ के शुभारंभ पर ब्रह्मकुमारीज परिवार और देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके संकल्प विश्व शांति की दिशा में अवश्य सफल होंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल रमन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, ब्रह्मकुमारीज संस्था की प्रमुख राजयोगिनी बहन जयंती, राजयोगी मृत्युंजय सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
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