नई दिल्ली 29 अप्रैल।केन्द्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्यों में प्रवासी मजदूरों सहित विभिन्न जगहों पर फंसे लोगों के अंतर-राज्यीय आवागमन को सुगम बनाने का आदेश जारी किया है।
गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि सभी लोगों के रवाना होने से पहले और गंतव्य स्थल पहुंचने पर चिकित्सा जांच की जानी चाहिए।सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इन फंसे लोगों को भेजने और बुलाने के लिए नोडल अधिकारी तैनात करने तथा मानक प्रक्रिया विकसित करने को कहा गया है। नोडल अधिकारी अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे लोगों का पंजीकरण भी कराएंगे। ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखेंगे उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति होगी।
ऐसे व्यक्तियों को समूह में ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जायेगा। बसों को सेनिटाइज किया जाएगा और सीटों पर सवारी बैठाने के लिए सुरक्षित दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करना होगा। रास्ते में पड़ने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसे व्यक्तियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाने की अनुमति देनी होगी। अपने राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पहुंचने पर इन व्यक्तियों को स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के आकलन के बाद घर में या अस्पताल में क्वारेंटीन किया जाएगा।समय समय पर स्वास्थ्य जांच के लिए ऐसे लोगों की निगरानी की जाएगी। उन्हें आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने और इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि उन पर नजर रखी जा सके और उनकी स्वास्थ्य की स्थिति की भी जानकारी मिल सके।
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