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संविधान चुनाव आयोग को मतदाता सूची तैयार करने का देता है अधिकार- शाह

नई दिल्ली 10 दिसम्बर।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि संविधान, निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची तैयार करने का अधिकार देता है और विशेष गहन पुनरीक्षण(एसआईआर) कराना आयोग की जिम्मेदारी है।

    श्री शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान एसआईआर को लेकर विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए  कहा कि विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, एसआईआर के मुद्दे पर झूठ फैला रहा है और देश, सरकार तथा निर्वाचन आयोग की छवि धूमिल कर रहा है।

    गृह मंत्री ने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धि के लिए एसआईआर का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि पहली बार एसआईआर 1952 में जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहते हुए किया गया था। गृह मंत्री ने कहा कि 2004 के बाद से कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है। श्री शाह ने विपक्षी दलों पर एसआईआर को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष चुनाव जीतता है तो सवाल नहीं उठाता, लेकिन हार स्वीकार करने के बाद निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने लगता है।

  श्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन आयोग सरकार के अधीन काम नहीं करता। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इसलिए चिंतित है क्योंकि देश की जनता उन्हें वोट नहीं देती और एसआईआर के जरिए उनका समर्थन करने वाले अवैध प्रवासियों के नाम सूची से हट जाएंगे।

    इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने, आरोप लगाया कि एसआईआर एक अव्यवस्थित, मनमानी प्रक्रिया में बदल गया है जो मतदाता सूचियों की निष्पक्षता को खतरे में डालता है। शिरोमणी अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि निर्वाचन  आयोग को निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा जारी चुनावी घोषणापत्र को कानूनी दस्तावेज बनाने का भी सुझाव दिया। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि एसआईआर धर्म के आधार पर चुनिंदा रूप से मताधिकार से वंचित करने के लिए सत्ता का दुर्भावनापूर्ण दुरुपयोग है। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान किए गए चुनावी सुधारों का ही परिणाम है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव और 2024 के आम चुनाव में पुनर्मतदान का आदेश नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव पैसे से नहीं, बल्कि जनता का विश्वास हासिल कर जीते जाते हैं।

  कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि मतदान का अधिकार लोकतंत्र का मूलभूत सिद्धांत है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग पक्षपातपूर्ण होता जा रहा है। श्री वेणुगोपाल ने यह भी आरोप लगाया कि 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी के खाते फ्रीज कर दिए गए थे। उन्होंने बिहार में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम हटाए जाने का मुद्दा भी उठाया।

   भारतीय जनता पार्टी के नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष जब भी हारता है, वह चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस की इतनी रैलियों और एसआईआर की आलोचना के बावजूद, विधानसभा चुनावों में उसे कुछ ही सीटें जीतने का मौका मिला। रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है और उन्हें निर्वाचन आयोग पर उंगली नहीं उठानी चाहिए।

  तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी रॉय ने आरोप लगाया कि एसआईआर का संचालन लोगों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है और यह राजनीतिक रूप से प्रेरित है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में इस प्रक्रिया के कारण बीएलओ अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने  कहा कि अगर बांग्लादेशी और रोहिंग्या भारत में प्रवेश कर रहे हैं, तो यह सरकार की विफलता है। समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने कहा कि निर्वाचन आयोग को निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है।