रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में 7.0 प्रतिशत की दर से बढ़ने के लिए तैयार है। देश में पहली छमाही में मजबूत ग्रोथ दर्ज होने के तुरंत बाद क्रिसिल ने अपने अनुमानों को 50 बेसिस पॉइंट्स बढ़ा दिया है।
क्रिसिल ने कहा है कि महंगाई में नरमी, जीएसटी को तर्कसंगत बनाने और आयकर में राहत देने से घरेलू खपत बढ़ेगी और और इससे वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, इसी के साथ रेटिंग एजेंसी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिकी टैरिफ भारत के निर्यात और निवेश के लिए खतरा है और अगर अमेरिका के साथ व्यापार समझौता हो जाता है तो इससे व्यापार के लिए स्थितियां अनुकूल होंगी।
महंगाई में आएगी कमी
बता दें कि RBI ने पूरे साल के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को आधा प्रतिशत बढ़ाकर 7.3% (India GDP Growth Rate) कर दिया है। महंगाई के मामले में क्रिसिल को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई घटकर 2.5 प्रतिशत हो जाएगी, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 4.6 प्रतिशत थी।
क्रिसिल ने कहा, ‘खाने की चीजों की महंगाई में उम्मीद से ज्यादा गिरावट, खेतीबाड़ी में अच्छी वृद्धि, दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतें कम होना और जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने से होने वाले फायदों से चालू वित्त वर्ष में खाद्य पदार्थों की महंगाई काबू में रहने की उम्मीद है।”
RBI ने 2025-26 के लिए अपने CPI महंगाई के अनुमान को बदलकर सिर्फ दो प्रतिशत कर दिया है, जो पहले के अनुमान 2.6 प्रतिशत से कम है। क्रिसिल ने कहा है कि इस स्थिति को देखते हुए आरबीआई की मौद्रिक नीति हल्की महंगाई के बीच नीतिगत दरों में कमी के लिए कुछ कदम उठा सकती है, लेकिन अनिश्चित वैश्विक माहौल में केंद्रीय बैंक के आंकड़ों पर निर्भर रहने की संभावना है।
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