
रायपुर, 24 दिसंबर।हिंदी साहित्य जगत के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित साहित्यकार, साहित्य अकादमी एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल को आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अत्यंत शोकाकुल वातावरण में अंतिम विदाई दी गई। स्थानीय मारवाड़ी श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां वे पंचतत्व में विलीन हो गए।
अंतिम संस्कार के अवसर पर उनके शोक-संतप्त परिजन, अनेक साहित्यकार, पत्रकार, जनप्रतिनिधि एवं प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने नम आंखों से स्वर्गीय श्री शुक्ल को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उल्लेखनीय है कि रायपुर निवासी विनोद कुमार शुक्ल का 23 दिसंबर की शाम एम्स रायपुर में निधन हो गया था। उनका जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में हुआ था। वे पिछले कई दशकों से रायपुर में रहकर साहित्य साधना में रत थे।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शैलेन्द्र नगर स्थित स्वर्गीय श्री शुक्ल के निवास पहुँचे और उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने पुष्पचक्र अर्पित कर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
श्री साय ने अंतिम यात्रा में पार्थिव शरीर को कंधा देकर भावभीनी विदाई दी तथा शोकाकुल परिजनों से भेंट कर गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल के निधन से न केवल उनका परिवार, बल्कि असंख्य पाठक और संपूर्ण साहित्य जगत शोकाकुल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की माटी से उपजे विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य के ऐसे सृजनशील व्यक्तित्व थे, जिनका योगदान अपूरणीय है। उनकी रचनाएँ मानवीय संवेदनाओं, सरल भाषा और गहन भावार्थ की अद्भुत मिसाल हैं। उनकी लेखनी ने हिंदी साहित्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
उन्होंने कहा कि साहित्यकार और कवि अपने विचारों और कृतियों के माध्यम से सदैव जीवित रहते हैं। विनोद कुमार शुक्ल का साहित्य हमारी सांस्कृतिक चेतना को दिशा देता रहेगा और उनकी स्मृतियाँ सदैव जीवंत बनी रहेंगी।
अंतिम संस्कार के अवसर पर कवि डॉ. कुमार विश्वास, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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