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एसआईआर के नाम पर 27 लाख से अधिक वोटरों के नाम काटना भाजपा का राजनीतिक षड्यंत्र – दीपक बैज

रायपुर 24 दिसंबर।छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने एसआईआर (गहन पुनरीक्षण) के तहत प्रकाशित मतदाता सूची ड्राफ्ट में राज्य के 27 लाख 34 हजार से अधिक मतदाताओं के नाम न होने पर कड़ी आपत्ति जताई है।

   श्री बैज ने आज यहां जारी बयान में इसे भारतीय जनता पार्टी का सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के इशारे पर फिल्टर लगाकर मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, ताकि भाजपा को चुनावी लाभ मिल सके।

   श्री बैज ने कहा कि लाखों ऐसे मतदाता हैं जिनके नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में दर्ज थे, जिन्होंने समय पर गणना पत्रक भरा और आवश्यक दस्तावेज भी जमा किए, इसके बावजूद उनके नाम प्रकाशित ड्राफ्ट सूची से गायब हैं। स्थिति यह है कि अकेले रायपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में ही 5 लाख 11 हजार 136 मतदाताओं के नाम दुर्भावनापूर्वक हटा दिए गए।

   उन्होंने आरोप लगाया कि इसके उलट ऐसे लाखों मतदाता, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ में निवासरत नहीं हैं और जिन्होंने कोई दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किया, उनके नाम अभी भी ड्राफ्ट सूची में मौजूद हैं। इससे स्पष्ट है कि एसआईआर की पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष न होकर भाजपा प्रायोजित मतदाता चयन अभियान बन गई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रक्रिया का सबसे अधिक नुकसान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को हो रहा है। बड़ी संख्या में भूमिहीन मजदूरों, गरीब तबके और रोजी-मजदूरी के लिए बाहर गए प्रवासी श्रमिकों के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं। मतदाता सूची शुद्धिकरण के नाम पर लाखों आम नागरिकों को उनके मतदान अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

दीपक बैज ने निर्वाचन आयोग पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग इस पूरे मामले में निष्पक्ष भूमिका निभाने के बजाय भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहा है। उन्होंने मांग की कि एसआईआर की प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच हो और जिन मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं, उन्हें तत्काल मतदाता सूची में पुनः जोड़ा जाए।