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आदिवासी संस्कृति हमारी पहचान, इसके संरक्षण का दायित्व हम सभी का:चौधरी

जशपुर, 26 दिसंबर।आदिवासी संस्कृति को देश की पहचान बताते हुए छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि जनजातीय समाज की परंपराएं, प्रकृति से जुड़ा जीवन दर्शन और सांस्कृतिक विरासत भारत की आत्मा हैं, जिनका संरक्षण हम सभी का सामूहिक दायित्व है।

     श्री चौधरी ने अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज सदियों से प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीवन जीता आया है। वृक्ष, पर्वत, नदियां, धरती माता और गौमाता की पूजा उनके प्रकृति प्रेम और सम्मान को दर्शाती है। आज आदिवासी खान-पान, जैविक खेती और कोदो-कुटकी जैसे पौष्टिक अनाज वैश्विक स्तर पर अपनाए जा रहे हैं, जो जनजातीय परंपराओं की प्रासंगिकता को सिद्ध करता है।

   उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महानायकों ने देश की आज़ादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में घोषित करना जनजातीय समाज को राष्ट्रीय सम्मान देने का ऐतिहासिक कदम है।

   श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है और देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ हुई है। राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक जैसे कार्यों से भारत की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊर्जा मिली है। वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नवा रायपुर में निर्मित जनजातीय संग्रहालय जनजातीय संस्कृति और महानायकों के योगदान को जीवंत रूप में प्रस्तुत कर रहा है।

    कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम मध्य क्षेत्र के संगठन मंत्री श्री सुभाष बड़ोले एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री श्री योगेश बापट ने आश्रम की गतिविधियों, जनजातीय संस्कृति के संरक्षण में उसकी भूमिका तथा बाला साहब देशपांडे के प्रेरणादायी जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला।