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मिर्ज़ा ग़ालिब की 228वीं जयंती के साथ ‘लोकमित्र समूह’ का पहला साहित्यिक आयोजन

रायपुर, 28 दिसंबर।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साहित्यकारों और साहित्यिक–सांस्कृतिक अभिरुचि रखने वाले रचनाकारों द्वारा गठित ‘लोकमित्र समूह’ का पहला आयोजन उर्दू के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की 228वीं जयंती के अवसर पर साहित्यिक आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ।

 ‘ग़ालिब हमारे’ शीर्षक से यह कार्यक्रम कल 27 दिसंबर को विमतारा सांस्कृतिक भवन में आयोजित किया गया।सांस्कृतिक संध्या में मिर्ज़ा ग़ालिब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विचार-विमर्श के साथ उनकी लोकप्रिय ग़ज़लों की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के शायरों और कवियों की एक काव्य-गोष्ठी का भी आयोजन हुआ।

  कार्यक्रम की शुरुआत मिर्ज़ा ग़ालिब तथा गत 23 दिसंबर को दिवंगत छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि एवं लेखक विनोद कुमार शुक्ल को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इस अवसर पर कवि पीयूष कुमार ने विनोद कुमार शुक्ल की कविता ‘समुद्र की सतह से निकलकर आया’ का पाठ किया।

   संगीत-सत्र में रायपुर की युवा कलाकार निवेदिता शंकर और वसु गंधर्व ने ग़ालिब की चयनित ग़ज़लों का भावपूर्ण गायन किया। तबले पर अशोक कूर्म ने संगत की।

   विचार-सत्र में रायपुर के प्रख्यात शायर अब्दुल जावेद नदीम ने अपना आलेख प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने ग़ालिब की शायरी के उन तत्वों की विवेचना की, जिनके कारण वे बीते दो शताब्दियों से उर्दू शायरी में अमिट प्रभाव बनाए हुए हैं। राजनांदगांव से आए सुप्रसिद्ध शायर अब्दुल सलाम कौसर ने ग़ालिब की ग़ज़लों में निहित नैतिक मूल्यों पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ साहित्यकार आनंद बहादुर ने ग़ालिब के शेरों के माध्यम से उनकी शायरी की सूक्ष्म भावनाओं को रेखांकित किया।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में आयोजित काव्य-गोष्ठी में छत्तीसगढ़ के लगभग दो दर्जन शायरों और कवियों ने काव्य-पाठ किया। इनमें जया जादवानी, डॉ. संजय अलंग, जीवेश प्रभाकर, नीलू मेघ, सुखनवर हुसैन, आलोक वर्मा, पीयूष कुमार, स्वराज्य करुण, मीसम हैदरी, इर्तिका हैदरी, सफदरजंग अली, आर.डी. अहिरवार, इमरान अब्बास, गिरधर वर्मा, यूशा, मिनेश साहू सहित अनेक रचनाकार शामिल रहे।

कार्यक्रम का संचालन पीयूष कुमार ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन आनंद बहादुर ने किया। उपस्थित साहित्य प्रेमियों ने आयोजन की सराहना की।

लोकमित्र समूह के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। समूह का अगला कार्यक्रम 25 जनवरी 2026 को प्रस्तावित है, जिसमें वसु गंधर्व के कविता-संग्रह ‘वीतराग’ का विमोचन किया जाएगा।