दंतेवाड़ा 13 जून।बैलाडीला की लौह अयस्क की नंदराज पहाड़ी डिपाजिट 13 खदान को उत्खनन के लिए अडानी को दिए जाने के विरोध में आदिवासियों का चल रहा आन्दोलन आज सांतवे दिन समाप्त हो गया।
संघर्ष समिति ने राज्य सरकार द्वारा 2014 में हुई ग्राम सभा की बैठक की जांच समेत कई कदम उठाए जाने तथा एनएमडीसी के द्वारा लिखित आश्वासन के बाद आन्दोलन को स्थगित करने का ऐलान किया।समिति ने 15 दिन के भीतर ग्रामसभा की बैठक की जांच पूरी नही होने पर फिर आन्दोलन की चेतावनी भी दी है।आन्दोलन वापस होने के साथ ही आन्दोलनकारियों का वापस लौटना शुरू हो गया है।
आदिवासी डिपाजिट 13 नंदराज पहाड़ी को अडानी को उत्खनन के लिए देने का यह कहते हुए विरोध कर रहे है कि इन पहाड़ियों पर उनके ईष्टदेव विराजमान है।लगभग 200 गांवों के आदिवासी अपने परम्परागत हथियारों एवं वाद्य यंत्रों के साथ एक सप्ताह तक डेरा जमाए रहे,और चेक पोस्ट को घेरकर वहीं पर नाच गाने करते रहे।
एनएमडीसी के प्रवेश द्वार पर आदिवासियों को डेरा जमाने से एनएमडीसी की 14 एवं 11 बी खदानों में उत्पादन लगभग ठप हो गया।एनएमडीसी सूत्रों के अनुसार उत्पादन ठप होने से लगभग आठ करोड का प्रतिदिन का नुकसान हुआ।इस आन्दोलन को एनएमडीसी की ट्रेड यूनियने भी समर्थन दिया।डिपाजिट 13 में उत्खनन को शुरू करने के लिए 25 हजार पेड़ों को काटा जाना है जिसका भी आदिवासी विरोध कर रहे है।
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