कुरूद(धमतरी)23 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ‘प्रदेश के संसाधनों और सरकार पर पहला हक यहां के किसानों का है, इसलिए उनकी समस्याओं का हल पहली प्राथमिकता से होगा।
श्री बघेल ने आज यहां चंद्रनाहू समाज के दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन में यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य शासन किसानों और जमीन से जुड़े लोगों के हितों की रक्षा करने के हर सम्भव प्रयास करेगी, इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी।उऩ्होने खेती की वर्तमान पद्धति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि रासायनिक तत्वों से जमीन की उर्वरा शक्ति का लगातार कम होते जा रही है, जिसका मानव जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होने राज्य शासन की नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को पुनर्जीवित करना, जल संरक्षण के उपाय करना गौवंश का संवर्धन करना और गोबर के माध्यम से कम्पोस्ट तैयार द्वारा पोषक सब्जी, फलों जैसे फसलों को बढ़ावा देना है।उन्होंने वॉटर रिचार्ज पर जोर दिया, जिससे कि जलस्रोतों में अधिक से अधिक समय पानी को बनाया रखा जाए एवं जल संकट जैसी भयावह स्थिति निर्मित न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रनाहू समाज के लोग जमीन से जुड़े, कर्तव्यनिष्ठ, परिश्रमी और स्वाभिमानी हैं।उन्होंने समाज के लोगों से शासन की योजनाओं को सफल बनाने सहयोग करने की अपील की। साथ ही समाज की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।इसके पहले मुख्यमंत्री का स्वागत छत्तीसगढ़ की पारम्परिक प्रतीक नांगर (हल), कमरा और खुमरी भेंट कर किया गया।