नई दिल्ली 01 जुलाई।संसद ने जम्मू-कश्मीर में तीन जुलाई 19 से और छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
राज्यसभा ने आज इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी। जम्मू और कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2019 को भी राज्यसभा के अनुमोदन के बाद संसद की मंजूरी मिल गयी। दोनों प्रस्ताव और विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं।
आरक्षण विधेयक में जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दस किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में तीन प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। कुल 435 गांवों की साढ़े तीन लाख आबादी को इस संशोधन का लाभ मिलेगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने प्रस्ताव और विधेयक पर राज्यसभा में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और इसे कभी अलग नहीं किया जा सकता। गृहमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि समूचा सदन राज्य की समस्याओं के मामले में एकमत है। उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरियत, जम्हूरियत और इन्सानियत के दृष्टिकोण के लिहाज से आगे बढ़ रही है और वह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में बिना किसी भेदभाव के एक साथ विकास के पक्ष में है।
गृहमंत्री ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है।उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए उठाये कदमों का ब्योरा भी दिया।