रायपुर/राजनांदगांव 10 सितम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा है कि अन्नदाता किसानों की चिंता राज्य और केन्द्र सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल हैं।हर संकट की घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
डा.सिंह आज जिला मुख्यालय राजनांदगांव के कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित किसान सम्मेलन और किसान मेले को सम्बोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखा प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने उन्हें तीन तरह से लाभ पहुंचाने का निर्णय लिया है।सूखा प्रभावित किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत सूखा राहत की राशि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा राशि और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का बोनस किसानों को दिया जाएगा। किसानों को धान के बोनस के वितरण के लिए दीपावली के पहले हर जिले में ‘बोनस तिहार’ के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान पर 2100 करोड़ रूपए की घोषणा और वर्ष 2017 की धान खरीदी पर बोनस की घोषणा करने पर हजारों की संख्या में किसानों ने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री को खुमरी पहनाकर हल और धान की बालियां भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केन्द्रीय कृषि मूल्य आयोग ने मोटे धान का समर्थन मूल्य 1470 रूपए से बढ़ाकर 1550 रूपए और पतले धान का समर्थन मूल्य 1510 रूपए से बढ़ाकर 1590 रूपए निर्धारित किया है।उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जब छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में सूखे के हालत पैदा होने की जानकारी देते हुए उनसे किसानों को धान का बोनस देने का आग्रह किया गया, तो श्री मोदी ने संवेदनशीलता के साथ बोनस वितरण के लिए तत्काल सहमति प्रदान कर दी।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों द्वारा आज किया गया अभिनंदन वे प्रधानमंत्री को समर्पित करते हैं।
डा.सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में लगभग साढ़े 13 लाख किसानों से 69 लाख 59 हजार मीटरिक टन धान की खरीद समर्थन मूल्य पर की गई थी, जिस पर किसानों को प्रति क्विंटल 300 रूपए की दर से बोनस दिया जाएगा। किसानों को दीपावली के पहले बोनस का वितरण कर दिया जाएगा।डॉ.सिंह ने कहा कि प्रदेश के किसानों ने उनके नेतृत्व में तीन बार सरकार बनवाकर अपना विश्वास प्रकट किया है। उनका यह विश्वास मैं खंडित नहीं होने दूंगा।
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