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बच्चे के बेहतर जीवन के लिए गर्भावस्था में सावधानी जरूरी

बच्चे के बेहतर जीवन के लिए गर्भाव​स्था में सावधानी एवं डाक्टर से नियमित परामर्श जरूरी है।जानकारी के अभाव के कारण तमाम बार गर्भावस्था के दौरान ऐसी तमाम गलतियां हो जाती हैं। जो होने वाले बच्चे के लिए बड़ी समस्या बन जाती है।

हर मां की सोच गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर यही होती है कि उसका बच्चा स्वस्थ पैदा हो और उसमें किसी प्रकार की विकलांगता न हो।इस बारे में डॉक्टरों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान की गई छोटी-छोटी गलतियों के कारण बच्चों में विकलांगता आती है। कैल्श‍ियम और विटामिन डी की कमी के कारण जहां बच्चों के पैरों में परेशानी आने का खतरा रहता है, वहीं इस दौरान बाहर के खानपान का भी गर्भ पर असर होता है।

प्रेग्नेंसी के तीन महीने पहले से गर्भावस्था की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।तीन महीने पहले सभी जरूरी टेस्ट मसलन थायरॉयड, सिस्ट आदि का टेस्ट जरूरी है। इसके अलावा हर महिला को गर्भावस्था के तीन महीने पहले से ही फॉल‍क एसिड का सेवन शुरू कर देना चाहिए। ताकि बच्चे और मां में खून की कमी न हो और इसकी वजह से कोई कॉम्प‍िल‍केशन्स न आएं।

डॉक्टरों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान मां को ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए, जिन्हें वायरल इंफेक्शन है। गर्भवती मां को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी जाने से यथासंभव बचना चाहिए।गर्भावस्था के दौरान ज्यादा शोरगुल वाले माहौल में नहीं रहना चाहिए। इससे बच्चा बहरा पैरा हो सकता है। हाल ही में आई एक अध्ययन की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है ध्वनि प्रदूषण बच्चों को गर्भ में ही बहरा बना देता है। ऐसे बच्चों के बोलने की क्षमता भी प्रभावित हो जाती है, क्योंकि बच्चा जब तक कुछ सुनेगा नहीं, तो बोलना सिखेगा कैसे।

गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों के कारण कुछ चटपटा और अलग-अलग जायका टेस्ट करने का दिल करता है। ऐसे में बच्चे की सेहत के लिए जरूरी है कि आप अपनी जुबान पर थोड़ा कंट्रोल रखें और बाहर का खाना खाने से बचें। खासतौर से पिज्जा, बर्गर, रोड साइड चाट-पकौड़े आदि को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दें।

गर्भावस्था में जूस पीना फायदेमंद होता है, लेकिन बाहर का जून पीने में कई खतरा भी है। बाहर का जूस बैक्टीरिया इंफेक्टेड हो सकता है। वहीं कोल्ड ड्रिंक्स में उच्च मात्रा में प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल होता है।

 

सम्प्रति – यह आलेख केवल मेडिकल जागरूकता के लिए है।बेहतर होगा कि आप चिकित्सक से परामर्श से ही कोई निर्णय ले।