बेंगलुरू 06सितम्बर। भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-2 के कल तड़के चंद्रमा की सतह पर उतरने की आशा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के उपग्रह नियंत्रण केन्द्र के वैज्ञानिक चंद्रयान दो के चंद्रमा पर उतरने के ऐतिहासिक क्षणों की तैयारी में व्यस्त हैं। अभी लैंडर विक्रम काफी नीची कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।
इसरो ने बताया कि कल तड़के एक बजे से दो बजे के बीच लैंडर के चंद्रमा पर उतरने की जटिल प्रक्रिया पूरी की जाएगी। तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच यह धीरे-धीरे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। उतरने के लगभग चार घंटे बाद लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान अलग होगा और चंद्रमा की सतह का परीक्षण शुरू करेगा। इस उपलब्धि के बाद भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।
चन्द्रमा पर लैंडर के उतरने की 15 मिनट की कार्रवाई को इसरो ने अब तक की सबसे जटिल कार्रवाई माना है। लैंडर चन्द्रमा के वायुमंडल में उतरेगा जहां गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है और चन्द्रमा की सतह पर धूल के कण सूर्य के विकिरण से लम्बे समय तक सक्रिय रहते हैं, लेकिन इसरो को इस मिशन की सफलता पर पूरा विश्वास है क्योंकि इसके लिए पर्याप्त जमीनी कार्य कर लिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल तड़के चंद्रयान-2 के लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के गौरवशाली पलों के साक्षी बनेंगे। प्रधानमंत्री के साथ देशभर के हाई स्कूल के लगभग 70 विद्यार्थी होंगे जिनका चयन चंद्र मिशन के बारे में राष्ट्रीय क्विज़ प्रतियोगिता से किया गया है।